
लखनऊ। आसाराम की घेराबंदी का जवाब देने के लिए शाहजहांपुर में रह रहे दुष्कर्म पीड़िता के परिवार ने सूचना का अधिकार (आरटीआइ) को हथियार बनाया है। पीड़िता के पिता ने स्वामी चिन्मयानंद के निर्देशन में संचालित विद्यालय से 20 साल का शैक्षिक ब्योरा मांगा है। इसमें बेटे के प्रवेश फार्म, टीसी के साथ 1993-94 से 2002 तक के सभी छात्रों का विवरण, विद्यालय के मान्यता वर्ष, नामांकन संख्या और प्रधानाचार्यो के शैक्षिक योग्यता की भी मांग उठाई है।
बता दें कि मुमुक्षु शिक्षा संकुल के तहत संचालित श्री शंकर मुमुक्षु विद्यापीठ ने आसाराम दुष्कर्म प्रकरण में पीड़िता की उम्र को लेकर कुछ अभिलेख पुलिस को उपलब्ध कराए गए हैं। दरअसल, इस विद्यापीठ के चेयरमैन पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री व संत स्वामी चिन्मयानंद हैं। इसी कारण शैक्षिक प्रमाणपत्रों की विश्वसनीयता को लेकर पुलिस ने यहां गहन जांच पड़ताल की। मूल अभिलेख दिखाने की मनाही पर पुलिस ने विद्यालय प्रधानाचार्य को नोटिस देकर विद्यालय के मान्यता वर्ष, नामांकन संख्या, प्रधानाचार्यो के सेवाकाल व शैक्षिक योग्यता के विवरण के साथ ही 1993-94 से 2002 तक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के प्रवेश फार्म, टीसी तथा अंकपत्र आदि का विस्तृत ब्योरा मांगा।
उधर, मंगलवार को पीड़िता के पिता ने भी श्री शंकर मुमुक्षु विद्यापीठ से आरटीआइ के तहत सूचना मांग ली। इस मामले में विद्यालय प्रबंध समिति के सचिव अशोक अग्रवाल ने कहा कि विद्यालय के अभिलेखों में पूर्ण पारदर्शिता है। जोधपुर के पुलिस कमिश्नर ने जानकारी मांगी थी, उन्हें दे दी गई। आरटीआइ के तहत सूचना देने में विद्यालय को कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष व अधिष्ठाता स्वामी चिन्मयानंद ने शिक्षा क्षेत्र की नई उपलब्धियों से जनपद को गौरवान्वित किया।