अनोखी शादी: एक परिवार में चार दूल्हे, बाप के साथ 3 बेटों ने भी रचाई शादी
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कोटड़ा. है ना अजीब शादी। एक ही परिवार में चार दूल्हे। 70 पार का पिता, उसके तीन बेटे 50, 40 व 35 बरस की उम्र के। दुल्हनें भी कौन? एक तीन दूल्हों की मां और उसकी तीन बहुएं। शुक्रवार को हुई शादी में बाराती बने नाती, पोते और भरापूरा परिवार। लिव इन रिलेशनशिप से मिलती जुलती परंपरा उदयपुर के आदिवासी क्षेत्र कोटड़ा में बरसों बरस पहले से है। परिवार में चार-चार दूल्हे और इतनी ही दुल्हनों के बीच बच्चे बाराती बने नजर आए।
बरसों से साथ रह रहे और अब तक बड़ा परिवार बना चुके पाडलवाडा निवासी नानिया (70) पुत्र धन्ना गरासिया मुखिया हैं, जो काली (60) के दूल्हे बने हैं। बड़े बेटे मुगला (50) ने लखमी, गना (40) ने मसरी और शंकर (35) ने हजारी के साथ विवाह की रस्में पूरी कीं। फेरे से लेकर हथलेवा तक की रस्में दूल्हों के घर ही निभाई गईं। दुल्हन पक्ष सिर्फ बतौर मेहमान शामिल हुआ। कोटड़ा प्रधान गवरीदेवी और जोगीवड़ सरपंच निर्मलसिंह गरासिया बताते हैं कि इस प्रथा में सबसे पहले युवक-युवती सहमति बनाते हैं। लड़के वाले लड़की पक्ष को कुछ राशि देते हैं। राशि का फैसला सामाजिक स्तर पर तय होता है। इसके बाद युवक-युवती पति-पत्नी की तरह साथ रह सकते हैं। दापा के दौरान सदियों पुरानी परंपरा में बदलाव सिर्फ इतना आया कि दापा के दौरान स्टांप पर लिखा पढ़ी होने लगी। हालांकि पढ़े-लिखे कुछ युवा शादी के बाद ही जीवन शुरू करने लगे हैं। परिवार के मुखिया नानिया के मझोले बेटे गना के चार और छोटे बेटे शंकर के तीन बच्चे हैं। सबसे बड़े बेटे मुगला के अभी कोई संतान नहीं है।
बरसों से साथ रह रहे और अब तक बड़ा परिवार बना चुके पाडलवाडा निवासी नानिया (70) पुत्र धन्ना गरासिया मुखिया हैं, जो काली (60) के दूल्हे बने हैं। बड़े बेटे मुगला (50) ने लखमी, गना (40) ने मसरी और शंकर (35) ने हजारी के साथ विवाह की रस्में पूरी कीं। फेरे से लेकर हथलेवा तक की रस्में दूल्हों के घर ही निभाई गईं। दुल्हन पक्ष सिर्फ बतौर मेहमान शामिल हुआ। कोटड़ा प्रधान गवरीदेवी और जोगीवड़ सरपंच निर्मलसिंह गरासिया बताते हैं कि इस प्रथा में सबसे पहले युवक-युवती सहमति बनाते हैं। लड़के वाले लड़की पक्ष को कुछ राशि देते हैं। राशि का फैसला सामाजिक स्तर पर तय होता है। इसके बाद युवक-युवती पति-पत्नी की तरह साथ रह सकते हैं। दापा के दौरान सदियों पुरानी परंपरा में बदलाव सिर्फ इतना आया कि दापा के दौरान स्टांप पर लिखा पढ़ी होने लगी। हालांकि पढ़े-लिखे कुछ युवा शादी के बाद ही जीवन शुरू करने लगे हैं। परिवार के मुखिया नानिया के मझोले बेटे गना के चार और छोटे बेटे शंकर के तीन बच्चे हैं। सबसे बड़े बेटे मुगला के अभी कोई संतान नहीं है।