प्रत्याशियों की बेकरारी, इंतजार अब भारी
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जौनपुर : मतगणना की तिथि 16 मई ज्यों-ज्यों करीब आ रही है त्यों-त्यों प्रत्याशियों व उनके समर्थकों की बेकरारी बढ़ती जा रही है।
12 मई को मतदान संपन्न होने के बाद उस दिन थके हारे प्रत्याशी व उनके खास रणनीतिकार सारे किंतु-परंतु के बीच भरपूर आराम की मुद्रा में रहे लेकिन अगले ही दिन वे कलम-कागज के साथ वोट के हिसाब किताब में जुट गए। वे अपने हिसाब को पुख्ता करने के लिए आसपास मौजूद रणनीतिकारों व दूर दराज क्षेत्रों के समर्थकों से फीड बैक लेते रहे।
वोटों की उलझी गणित का ही तकाजा है कि कई प्रमुख प्रत्याशी अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं। अब मतगणना को लेकर उनकी धड़कनें बढ़ गई हैं।
जौनपुर संसदीय क्षेत्र में कई प्रमुख प्रत्याशियों के बीच हुए वोट के बंटवारे व परंपरागत मतों में जबर्दस्त सेंधमारी के विपक्ष के दावों के चलते कमोवेश सभी की नींद उड़ी हुई है। फिलहाल लाख कोशिशों के बावजूद दिल्ली तक पहुंच पाने में कौन सफल हो सकेगा यह तो मतगणना के दिन 16 मई को ही स्पष्ट हो सकेगा।
इस बार के चुनाव में पिछले कई चुनावों से पार्टी विशेष के माने जा रहे परंपरागत मतों में बिखराव का ही कारण है कि राजनीति के जानकार भी अपनी भविष्यवाणी दबी जुबान से ही कर पा रहे हैं।
एक पक्ष एक्जिट पोल रूपी संजीवनी से जीत का एहसास तो करने लगा है लेकिन प्रमुख विपक्षी प्रत्याशी अतीत में एक्जिट पोल हवा-हवाई होने का तर्क देकर फिलहाल अभी उम्मीद कायम रखे हुए हैं।