विश्व विद्यालय के कर्मचारियों के हड़ताल से छात्रों का भविष्य अधर में
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वीर बहादुर सिंह पूर्वाचंल विश्व विद्यालय के कर्मचारी अपनी 12 सूत्रीय
मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गये है। कर्मचारियों के हड़ताल के कारण
विश्वविद्यालय के कार्य पर बुरा असर पड़ रहा है। छात्रों का रिजर्ट रूक गया
हैं और दूसरे विश्वविद्यालयों में एडमिशन लेने वालों छात्रों को डिग्री और
माईग्रेशन तक नही मिल रहा है। उधर इसका जिम्मेदार यूपी सरकार को ठहराते
हुए कर्मचारियों ने साफ कहा कि अखिलेश सरकार के तानाशाही रवैये के कारण आज
हम लोगों को तालाबंदी कर हड़ताल करना पड़ रहा है। जिसके कारण छात्रों का
नुकसान हो रहा है।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगे है कि मेडिकल व्यवस्था दिया जाय स्थापनाकाल से कार्य कर रहे दैनिक वेतनभोगियों को नियमित किया जाय समेत 12 सूत्रीय मांग है। कर्मचारियों साफ कहा कि जब तक हमारी मांगे पूरी नही होगी तब हमारा आन्दोलन जारी रहेगा।
पूविवि कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अमलदार यादव ने शासन पर कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार तथा भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि मांगें न माने जाने तक विवि में हड़ताल जारी रहेगा। सभा को श्याम त्रिपाठी, रामजस मिश्र, सुशील कुमार प्रजापति, प्रदीप सिंह, राधेमोहन, हरीश चंद्र मौर्य, संजय श्रीवास्तव, विनोद तिवारी, कपिल त्यागी, एमएम भट्ट, राम समुझ समेत अनेक लोगों ने सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगे है कि मेडिकल व्यवस्था दिया जाय स्थापनाकाल से कार्य कर रहे दैनिक वेतनभोगियों को नियमित किया जाय समेत 12 सूत्रीय मांग है। कर्मचारियों साफ कहा कि जब तक हमारी मांगे पूरी नही होगी तब हमारा आन्दोलन जारी रहेगा।
पूविवि कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अमलदार यादव ने शासन पर कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार तथा भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि मांगें न माने जाने तक विवि में हड़ताल जारी रहेगा। सभा को श्याम त्रिपाठी, रामजस मिश्र, सुशील कुमार प्रजापति, प्रदीप सिंह, राधेमोहन, हरीश चंद्र मौर्य, संजय श्रीवास्तव, विनोद तिवारी, कपिल त्यागी, एमएम भट्ट, राम समुझ समेत अनेक लोगों ने सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की।