अब मुख्यमंत्री के सामने ‘आमरण अनशन’ पर बैठेगा पीडि़त परिवार
https://www.shirazehind.com/2014/08/blog-post_393.html
चर्चा का विषय बना सत्ता पक्ष के विधायक का एकपक्षीय हस्तक्षेप
जौनपुर। खुटहन चैराहे की दुकानों पर मालिकाना हक को लेकर उत्पन्न विवाद और भी उग्र हो गया है, क्योंकि लगातार 3 दिन तक भारी लाव-लश्कर के साथ कब्जा करने आये विपक्षी का साथ अब सत्ता पक्ष के एक विधायक द्वारा देने से जहां क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश है, वहीं इसको लेकर जनपदवासियों सहित भाजपा व सपा में चर्चाओं का बाजार गर्म है। विपक्षी भाजपा नेता है जिनका साथ सपा के एक विधायक द्वारा देने से लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं। वर्षों से काबिज चल रहे दुकानदार/स्वामी को गुरूवार की दोपहर से लेकर देर रात तक थाने में बैठाये रखा गया जबकि भारी संख्या में लोगों के साथ दुकान का सामान फेंककर कब्जा करने विपक्षी बाहर टहल रहे थे। वहीं रात में पुनः कब्जा आये विपक्षी के मंसूबे उस समय पुनः फेल हो गये जब भारी संख्या में पीएसी के जवानों को तैनात कर दिया गया जो शुक्रवार तक भी तैनात दिखे। मालूम हो कि क्षेत्र के कोकना गांव निवासी डा. तरूणीकांत उपाध्याय लगभग 5 दशक पहले नीलामी प्रक्रिया के तहत उक्त जमीन को खरीदकर 3 दुकान बनवाकर स्वयं सहित दो किरायेदारों के साथ काबिज हैं। पिछले डेढ़ वर्ष से अब उक्त जमीन को भाजपा नेता चन्द्रकेश यादव अपना होने का दावा कर रहे हैं जिसको लेकर मामला न्यायालय में विचाराधीन है। श्री यादव का कहना है कि कोकना गांव के ही कुछ लोगों से उन्होंने जमीन की रजिस्ट्री करायी है जबकि डा. उपाध्याय के परिजनों का कहना है कि जमीन को सरकारी नीलामी प्रक्रिया के तहत खरीदकर 3 दुकान व 1 सीढ़ी बनवाकर वह तभी से काबिज हैं। फिलहाल इसी को लेकर बीते बुधवार से लेकर बीती रात तक विपक्षी लाव-लश्कर के साथ उक्त जमीन पर धावा बोल करके सामानों को फेंकने के साथ ही उसमें अपना सामान रखने का प्रयास कर रहे हैं। इसकी शिकायत करने पर जनपद पुलिस ने गम्भीरता दिखाते हुये हर बार उनके मंसूबे को नाकाम किया लेकिन अब भाजपा नेता चन्द्रकेश का साथ देने के लिये सत्ता पक्ष के एक विधायक आगे आ गये जिनके सामने (चर्चाओं के अनुसार) पुलिस पंगु बनी हुई है। यही कारण रहा कि बीती रात विपक्षी पुनः कब्जा करने आये लेकिन भला हो जनपद के पुलिस अधिकारियों का जिन्होंने कानून व्यवस्था को बनाये रखने हेतु भारी संख्या में पीएसी के जवानों को तैनात कर दिया है। शुक्रवार को दोपहर तक मौके पर पुलिस डटी रही लेकिन विपक्षियों के डर से डा. उपाध्याय का परिवार दुकान खोलने नहीं गया। विपक्षी की दबंगई, पुलिस की निरंकुशता एवं सत्ता पक्ष के एक विधायक द्वारा एकपक्षीय हस्तक्षेप किये जाने से क्षुब्ध पीडि़त अब अपने पूरे परिवार के साथ सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सामने आमरण अनशन पर बैठने का मूड बना लिया है।
जौनपुर। खुटहन चैराहे की दुकानों पर मालिकाना हक को लेकर उत्पन्न विवाद और भी उग्र हो गया है, क्योंकि लगातार 3 दिन तक भारी लाव-लश्कर के साथ कब्जा करने आये विपक्षी का साथ अब सत्ता पक्ष के एक विधायक द्वारा देने से जहां क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश है, वहीं इसको लेकर जनपदवासियों सहित भाजपा व सपा में चर्चाओं का बाजार गर्म है। विपक्षी भाजपा नेता है जिनका साथ सपा के एक विधायक द्वारा देने से लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं। वर्षों से काबिज चल रहे दुकानदार/स्वामी को गुरूवार की दोपहर से लेकर देर रात तक थाने में बैठाये रखा गया जबकि भारी संख्या में लोगों के साथ दुकान का सामान फेंककर कब्जा करने विपक्षी बाहर टहल रहे थे। वहीं रात में पुनः कब्जा आये विपक्षी के मंसूबे उस समय पुनः फेल हो गये जब भारी संख्या में पीएसी के जवानों को तैनात कर दिया गया जो शुक्रवार तक भी तैनात दिखे। मालूम हो कि क्षेत्र के कोकना गांव निवासी डा. तरूणीकांत उपाध्याय लगभग 5 दशक पहले नीलामी प्रक्रिया के तहत उक्त जमीन को खरीदकर 3 दुकान बनवाकर स्वयं सहित दो किरायेदारों के साथ काबिज हैं। पिछले डेढ़ वर्ष से अब उक्त जमीन को भाजपा नेता चन्द्रकेश यादव अपना होने का दावा कर रहे हैं जिसको लेकर मामला न्यायालय में विचाराधीन है। श्री यादव का कहना है कि कोकना गांव के ही कुछ लोगों से उन्होंने जमीन की रजिस्ट्री करायी है जबकि डा. उपाध्याय के परिजनों का कहना है कि जमीन को सरकारी नीलामी प्रक्रिया के तहत खरीदकर 3 दुकान व 1 सीढ़ी बनवाकर वह तभी से काबिज हैं। फिलहाल इसी को लेकर बीते बुधवार से लेकर बीती रात तक विपक्षी लाव-लश्कर के साथ उक्त जमीन पर धावा बोल करके सामानों को फेंकने के साथ ही उसमें अपना सामान रखने का प्रयास कर रहे हैं। इसकी शिकायत करने पर जनपद पुलिस ने गम्भीरता दिखाते हुये हर बार उनके मंसूबे को नाकाम किया लेकिन अब भाजपा नेता चन्द्रकेश का साथ देने के लिये सत्ता पक्ष के एक विधायक आगे आ गये जिनके सामने (चर्चाओं के अनुसार) पुलिस पंगु बनी हुई है। यही कारण रहा कि बीती रात विपक्षी पुनः कब्जा करने आये लेकिन भला हो जनपद के पुलिस अधिकारियों का जिन्होंने कानून व्यवस्था को बनाये रखने हेतु भारी संख्या में पीएसी के जवानों को तैनात कर दिया है। शुक्रवार को दोपहर तक मौके पर पुलिस डटी रही लेकिन विपक्षियों के डर से डा. उपाध्याय का परिवार दुकान खोलने नहीं गया। विपक्षी की दबंगई, पुलिस की निरंकुशता एवं सत्ता पक्ष के एक विधायक द्वारा एकपक्षीय हस्तक्षेप किये जाने से क्षुब्ध पीडि़त अब अपने पूरे परिवार के साथ सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सामने आमरण अनशन पर बैठने का मूड बना लिया है।

