
जौनपुर। खेलों में भारत सरकार के प्रोत्साहन और खिलाडि़यों को विश्वस्तरीय सुविधाएं एवं प्रशिक्षण दिये बिना भारतीय प्रदर्शन सुधर नहीं सकता। फिर भी भारतीय खिलाडि़यों ने बेहतर प्रदर्शन किया। उक्त बातें राष्ट्रमण्डलीय खेलों में भारतीय प्रदर्शन पर नगर के बदलापुर पड़ाव पर आयोजित विचार गोष्ठी में खिलाड़ी संजय सिंह ने अध्यक्षता करते हुये कही। मुख्य अतिथि डा. दिलीप सिंह न्यायपीठ प्रीलिटिगेशन ने कहा कि वर्ष 2010 में दिल्ली आयोजित खेल में भारत ने 100 पदक जीत कर दूसरा स्थान प्राप्त किया था जबकि केवल निशानेबाजों ने ही 14 स्वर्ण भारत की झोली में डाले थे परन्तु इस बार कुल 15 स्र्ण, 30 रजत, 19 कांस्य जीत कर पांचवां स्थान स्वयं ही भारत के फीके प्रदर्शन का गवाह है परन्तु सुविधाओं के अभाव में तानाशाही के शिकार भारतीय खिलाडि़यों ने कुश्ती, निशानेबाजी, बैडमिण्टन, स्क्वैश, भारोत्तोलन में गजब का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर विपिन मौर्य, इं. दिव्येन्दु, पद्मा सिंह, लांग जम्पर राम आसरे, बैडमिण्टन खिलाड़ी प्रशांत, धावक लालचन्द, हरिओम, सुरेन्द्र प्रजापति, डेजी, दीप नारायण, डा. एसके श्रीवास्तव, शिप्रा सिंह, सीताराम चैरसिया, अलका सिंह, अंकिता, निकिता, शिवम, सोनल, विवेक, संजय उपाध्याय, दुष्यंत, अशोक उपाध्याय, एएन मिश्रा उपस्थित रहे।