तुमने प्रीत पहचानी नहीं है, तुम्हारी आंख में पानी नहीं है
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जौनपुर। जनपद हिंदी साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में गुरुवार को काव्य
गोष्ठी सत्य प्रकाश 'अनाम' की अध्यक्षता में हुई। आलोक रंजन ने अपनी कविता
'रोशनी की तलाश' से काव्य गोष्ठी प्रारंभ की। राजेश कुमार पांडेय ने हास्य
कविता 'ससुराल की यात्रा' का वाचन किया। डॉ धीरेंद्र कुमार पटेल ने पेशावर
हादसे पर कविता पढ़ते हुए कहा-दर्द छिपाये जा रहे थे, ताबूत में बच्चे
सुलाये जा रहे थे। ओम प्रकाश मिश्र ने गजल पढ़ी-सिमटती आ रही हैं दूरियां
ज्यों-ज्यों हथेली में। गोष्ठी में डॉ पीसी विश्वकर्मा ने गजल एवं डॉ अजय
विक्रम सिंह ने अपनी कविता सुनाई। शायर आकिल जौनपुरी ने बताया-माली पर है
दहशत तारी, खून में डूबी हुई फुलवारी।
जनार्दन अस्थाना ने तुमने प्रीत पहचानी नहीं है, तुम्हारी आंख में पानी नहीं है गजल सुनाई। रामराज गौतम ने अपनी कविता 'बौद्ध परिनिर्वाण', डॉ सुनील विक्रम सिंह ने कविता 'बीसवीं सदी' सुनाया। अजय कुमार ने मार्मिक कविता 'जब रात जवान होती है' पढ़ी।
जनार्दन अस्थाना ने तुमने प्रीत पहचानी नहीं है, तुम्हारी आंख में पानी नहीं है गजल सुनाई। रामराज गौतम ने अपनी कविता 'बौद्ध परिनिर्वाण', डॉ सुनील विक्रम सिंह ने कविता 'बीसवीं सदी' सुनाया। अजय कुमार ने मार्मिक कविता 'जब रात जवान होती है' पढ़ी।