दोनों महापुरुष नहीं बल्कि भारत रत्न पुरस्कार धन्य हो गया

 जौनपुर। तिलकधारी महाविद्यालय के समाज शास्त्र विभाग में गुरुवार को पं.मदन मोहन मालवीय अध्ययन पीठ में भारत रत्न मालवीय जी का जन्म दिवस समारोह मनाया गया।
अतिथि सभाजीत द्विवेदी प्रखर, डॉ कुलदीप यादव, डॉ सुभाष चंद्र विसोई रहे। 'मालवीय जी के विचारों की शैक्षिक उन्नयन में उपादेयता' पर निबंध प्रतियोगिता में विजय कुमार को प्रथम, मो.नसीम को द्वितीय व हर्षित गुप्ता को तृतीय पुरस्कार दिया गया। भाषण प्रतियोगिता में सुनील मौर्य को प्रथम, शरद उपाध्याय को द्वितीय योगेश दूबे को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सभाजीत द्विवेदी प्रखर ने कहा कि भारत रत्न महामना को और पहले दिया जाना चाहिए था। क्योंकि उनके बाद की पीढ़ी और उनके कई शिष्यों को दिया गया।
अध्यक्षता करते हुए एसोसिएट प्रोफेसर डॉ आरएन त्रिपाठी ने कहा कि दो महापुरुषों को भारत रत्न दिया गया है। इससे वे दोनों महापुरुष नहीं बल्कि भारत रत्न पुरस्कार धन्य हो गया है।
अटल बिहारी वाजपेयी स्वतंत्रता संग्राम से लेकर पोखरण परमाणु परीक्षण तक देश की सेवा राजनैतिक रूप से ही नहीं बल्कि स्वयंसेवक के रूप में किए हैं। उन्हें यह पुरस्कार पहले मिल जाना चाहिए था। डॉ सुभाष चंद्र विसोई ने वंदे मातरम तथा राष्ट्र को स्वाभिमान करना चाहिए गीत गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
छात्र-छात्राओं ने 'स्वच्छता अभियान तथा राष्ट्र सम्मान' की शपथ ली। पुरस्कृत प्रतिभागियों में श्रीमद्भागवतगीता तथा धार्मिक पुस्तकें दी गई। कार्यक्रम में वैशाली, भावना, नेहा, अनामिका गुप्ता, अंजली मौर्या दिव्या, प्यारेलाल उपस्थित रहे।

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