
जौनपुर। एड्स जैसे महाभयानक रोग से बचाव का कोई स्थायी उपचार नहीं है। यदि इसका उपचार हो जाय तब भी इससे दूर रहकर बचाव करना ही सर्वोत्तम है। उक्त बातें विश्व एड्स दिवस पर जूरी मेम्बर डा. दिलीप सिंह के रिजवी खां स्थित आवास पर उन्हीं की अध्यक्षता में आयोजित गोष्ठी को सम्बोधित करते हुये जिलानी बिरला इन्स्टीट्यूट के वैज्ञानिक दुर्गेश पाठक ने बतौर मुख्य अतिथि कही। इसी क्रम में डा. सिंह ने कहा कि यह रोग पश्चिम से आयातित है जो अनैतिकता, स्त्री-पुरूष संसर्ग एवं कदाचार की उपज है। उन्होंने कहा कि यह जानलेवा बीमारी टीबी, कैंसर, मस्तिक ज्वर से अधिक भी भयानक है। इसके अलावा प्रशांत सिंह, रवीन्द्र सिंह, सुरेन्द्र प्रजापति, राम बहोर राम, अरविन्द, राजेश यादव, रामजी मौर्य, संजय उपाध्याय सहित अन्य वक्ताओं ने अपना विचार व्यक्त किया। इस अवसर पर जूही, अंजू, हेमलता, रानी, सुशीला, शांति, रेनू, सचिन, स्वाती, गोलू, अनिल, मीनू, प्रो. वी. पंत, विपिन मौर्य सहित अन्य बुद्धिजीवी नागरिक उपस्थित रहे। गोष्ठी का संचालन एनपीओ सदस्या श्रीमती पद्मा सिंह ने किया।