P.C.S बहू का हुआ जोरदार स्वागत ,शिवानी दिया छात्रों को टिप्स ,सुनिए कैसे मिली उसे सफलता
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जौनपुर। आईएएस पीसीएस अधिकारियों का गांव माधोपट्टी में पिछले एक तीन दिनों से होली दीपावली एक साथ मनायी जा रही है। इस खुशी का मुख्य कारण है इस गांव की बहू ने पीसीएस परीक्षा पास कर लिया है अच्छे रैंक के कारण वह कुछ महिने में एसडीएम बन जायेगी। पीसीएस बहू जब अपने गांव की सरहद में कदम रखा तो गांव की महिलाएं पुरूष और युवाओं ने गांजेबाजे के बीच जोरदार स्वागत किया युवाओं ने पटाखे फोड़े अबीर गुलाल उड़ाया तो महिलाएं और युवतियों ने बैण्ड बाजे के धुन पर जमकर ठुमके लगायी।
सन् 2013 की पीसीएस परीक्षा में जौनपुर के 21 लोगो का चयन हुआ है। इसी एक है मधोपट्टी गांव के नितिन सिंह पत्नी शिवानी सिंह । नितिन और शिवानी दोनो इलाहाबाद में रहकर पीसीएस परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। 2013 की परीक्षा में दोनो शामिल हुए। इस परीक्षा में शिवानी को सफलता मिल गयी । परीक्षा परिणाम आने के बाद जब शिवानी अपने पति के साथ इलाहाबाद से े माधवपट्टी गांव पहुंचे तो गांव की महिलाएं बच्चे युवा और बुजुर्गो जोरदार स्वागत किया महिलाओं ने माला पहनाकर अपनी पीसीएस बहू का स्वागत किया युवाओं ने पटाखे फोड़े तो गांव की लड़कियों ने बैण्ड बाजे के धुन पर जमकर ठुमका लगाया। उधर शिवानी ने गांव के मंदिरों में मत्था टेकने के साथ ही बड़े बुुजुर्गो के पैर छुकर अर्शिवाद लिया। शिवानी अपने सफलता श्रेय अपने पति देते हुए बताया कि इस पूरी फिल्म के डायरेक्टर मेरे पति रहे मै तो एक कलाकार की भूमिका अदा किया है। उन्होने अपने सांस श्वसुर की तारीफ करते हुए कहा कि वे लोग मुझे अपनी बेटी तरह पढ़ाया लिखाया और मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया है।
सन् 2013 की पीसीएस परीक्षा में जौनपुर के 21 लोगो का चयन हुआ है। इसी एक है मधोपट्टी गांव के नितिन सिंह पत्नी शिवानी सिंह । नितिन और शिवानी दोनो इलाहाबाद में रहकर पीसीएस परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। 2013 की परीक्षा में दोनो शामिल हुए। इस परीक्षा में शिवानी को सफलता मिल गयी । परीक्षा परिणाम आने के बाद जब शिवानी अपने पति के साथ इलाहाबाद से े माधवपट्टी गांव पहुंचे तो गांव की महिलाएं बच्चे युवा और बुजुर्गो जोरदार स्वागत किया महिलाओं ने माला पहनाकर अपनी पीसीएस बहू का स्वागत किया युवाओं ने पटाखे फोड़े तो गांव की लड़कियों ने बैण्ड बाजे के धुन पर जमकर ठुमका लगाया। उधर शिवानी ने गांव के मंदिरों में मत्था टेकने के साथ ही बड़े बुुजुर्गो के पैर छुकर अर्शिवाद लिया। शिवानी अपने सफलता श्रेय अपने पति देते हुए बताया कि इस पूरी फिल्म के डायरेक्टर मेरे पति रहे मै तो एक कलाकार की भूमिका अदा किया है। उन्होने अपने सांस श्वसुर की तारीफ करते हुए कहा कि वे लोग मुझे अपनी बेटी तरह पढ़ाया लिखाया और मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया है।