वनवासियों ने उठायी हक की आवाज खेती के लिए मिले जमीन
https://www.shirazehind.com/2015/07/blog-post_928.html
बस्ती तक संपर्क मार्ग और पेयजल की उठायी मांग
जिलाधिकारी को अपनी मांगों का सौंपा ज्ञापन
भदोही। देश और प्रदेश की सरकारें वनवासियों और आदिवासियों के कल्याण की चाहे जितनी बातें करें। लेकिन जमीनी सच्चाई यही है कि वनवासी यानी मुसहर जाति की हालत बेहद खराब है। यह समाज समाज की मुख्यधारा से कटा है। विकास की योजनाएं यहां नही पहुंचती है। सोमवार को जिला मुख्यालय पर वनवासी समाज के लोगों ने हुंकार भरी। समाज के लोगों ने अपने लिए सुविधाओं की मांग की है। जिसमें आवास के और खेती के लिए जमीन उपलब्ध कराने की मुख्य मांग है। मुसहर जाति के लोगों ने अपनी मांगों के समर्थन मे ंप्रदर्शन के बाद जिलाधिकारी प्रकाश बिंदु का ज्ञापन सौंपा।
समाज के लोगों ने अपनी बस्तियों के लिए जिला प्रशासन से पांच विस्वा जमीन मांगी है। इसके अलावा खेती के लिए उसकी दोगुनी जमीन उपलब्ध कराने की मांग की है। वनवासियों का आरोप है कि उनके पास अपनी बस्तियां बसाने के लिए जमीन नहीं है। आए दिन गांव के दबंग लोग उनकी जमीनों पर कब्जा करते रहते हैं। जहां वनवासियों की बस्ती है वहां पेयजल की सुविधा नही है। प्रदर्शन के दौरान हैंडपंप लगाने की मांग उठायी गयी है। वास्तव में वनवासियों की मांगों में कोई बात गलत नहीं है। सभ्य समाज के करीब यह बस्तियां आज भी सुविधाओं की मोहताज है। इनके नाम की सुविधाओं का इस्तेमाल दूसरी जातियां करती हैं। प्रदर्शन के बाद समाज के लोगों ने डीएम को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन के दौरान नोखेलाल, लालजी, रन्नो, सीता, फूलन, खेतल, ज्ञानदेवी, प्रभावती, शीला, किश्ना के अलावा दूसरे लोग काफी संख्या में मौजूद थे।
जिलाधिकारी को अपनी मांगों का सौंपा ज्ञापन
भदोही। देश और प्रदेश की सरकारें वनवासियों और आदिवासियों के कल्याण की चाहे जितनी बातें करें। लेकिन जमीनी सच्चाई यही है कि वनवासी यानी मुसहर जाति की हालत बेहद खराब है। यह समाज समाज की मुख्यधारा से कटा है। विकास की योजनाएं यहां नही पहुंचती है। सोमवार को जिला मुख्यालय पर वनवासी समाज के लोगों ने हुंकार भरी। समाज के लोगों ने अपने लिए सुविधाओं की मांग की है। जिसमें आवास के और खेती के लिए जमीन उपलब्ध कराने की मुख्य मांग है। मुसहर जाति के लोगों ने अपनी मांगों के समर्थन मे ंप्रदर्शन के बाद जिलाधिकारी प्रकाश बिंदु का ज्ञापन सौंपा।
समाज के लोगों ने अपनी बस्तियों के लिए जिला प्रशासन से पांच विस्वा जमीन मांगी है। इसके अलावा खेती के लिए उसकी दोगुनी जमीन उपलब्ध कराने की मांग की है। वनवासियों का आरोप है कि उनके पास अपनी बस्तियां बसाने के लिए जमीन नहीं है। आए दिन गांव के दबंग लोग उनकी जमीनों पर कब्जा करते रहते हैं। जहां वनवासियों की बस्ती है वहां पेयजल की सुविधा नही है। प्रदर्शन के दौरान हैंडपंप लगाने की मांग उठायी गयी है। वास्तव में वनवासियों की मांगों में कोई बात गलत नहीं है। सभ्य समाज के करीब यह बस्तियां आज भी सुविधाओं की मोहताज है। इनके नाम की सुविधाओं का इस्तेमाल दूसरी जातियां करती हैं। प्रदर्शन के बाद समाज के लोगों ने डीएम को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन के दौरान नोखेलाल, लालजी, रन्नो, सीता, फूलन, खेतल, ज्ञानदेवी, प्रभावती, शीला, किश्ना के अलावा दूसरे लोग काफी संख्या में मौजूद थे।