चैरहटा कांड के आरोपी की जेल में मौत बनी संदिग्ध!

भदोही। ज्ञानपुर जिला जेल में चार दिन पूर्व चैरहटा कांड के आरोपी और विचाराधीन कैदी विजय गुप्ता 32 की मौत संदिग्ध पहेली बन गयी है। अभी तक मौत के कारणों का पता नहीं चल सका है। जिला प्रशासन का मानना था कि मौत दिल का दौरा पड़ने हुई। जबकि अभी तक जिला जेल प्रशासन को मौत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिली है। इस स्थिति में पूरा मामला संदिग्ध बन गया है। वैसे भी जेल में होने वाली मौतें अक्सर विवादित रहती हैं। इसका खुलासा न्यायिक जांच से साफ होगा।
जिला कारागार में विचाराधीन कैदी विजय गुप्ता को बैरक नम्बर-दो में रखा गया था। बताया गया था कि रात में दो बजे अचानक उसकी तबियत बिगड़ी जिससे उसकी मौत हो गयी। हलांकि यह स्थिति साफ नहीं हो सकी है कि विजय की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई या उसके साथ जेल आरक्षियों की ओर से मारपीट होने से आतंरिक चोट लगने से हुई ? इस पर अभी हासिया लगा है। सूत्रों की ओर से यह खबरे भी आ रही हैं कि ं उसके सिर में चोट के निशान पाए गए हैं। यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कहा गया है। हलांकि इसकी अधिकृत पुष्टि नहीं हो पायी है। लेकिन पूरा प्रकरण ही संदिग्ध लग रहा है। विजय की अधिक उम्र नहीं थी। वह अभी 32 से 35 साल के मध्य था। उसे किसी बीमारी की बात भी सामने नहीं आयी है जिससे उसकी मौत बीमारी से होती ? मौत के बाद कैदी साथियों की ओर से उसके शव को जेल प्रशासन को नहीं नहीं दिया जा रहा था। बाद में उसके पिता के आने और जिलाधिकारी प्रकाश बिंदु और एसपी अनिल कुमार राय के समझाने के बाद कैदियों ने शव को प्रशासन कौ सौंपा। इस मामले में जिला जेल पहुंचे उसके पिता नंदलाल का आरोप था कि जेल में उसके बेटे के साथ दूसरे कैदियों की की पिटायी होती है ? हलांकि यह उसका आरोप था। पिटायी की हकीकत क्या है यह जांच के बाद ही पता चलेगा। जबकि पिता का दावा था कि विजय की मां सप्ताह भर पूर्व मिल कर गयी थी। उसे कुछ नहीं हुआ था। पिता के इस बयान से जेल प्रशासन कटघरे में खड़ा है। वैसे भी भदोही जिला जेल की साख बेहतर नहीं है। यहां कैदियों को उल्टा टांग कर पिटायी आम बात थी। जेल के भीतर यह तालीबानी फरमान जब मीडिया की सुर्खियां बना तो जेल प्रशासन की सच्चाई सामने आ गयी। यहां जेल फांदकर कैदियों की फरारी भी आम बात है। यहां के जेल की दीवारे कैदियों के लिए छोटी हैं। अब तक इस तरह के कमोबेश आधे दर्जन जेलब्रेक कांड हो चुके हैं। इसके अलावा औराई टीवी लूटकांड के आरोपी जेल की दीवारों में सुराख कर जेल से भाग निकले थे। सोनवा मुसहर के लिए जेल की दीवारें छोटी पड़ गयी हैं। चैरहटा कांड जिले के ऊंज थाने का चर्चित हत्याकांड था। इसमें एक ही परिवार के पांच लोगों की 2009 में सोते वक्त गलाकाट कर हत्या कर दी गयी थी। हत्याकांड की साजिश रचने वाला मुख्य आरोपी विजय गुप्ता था। जिसकी पिछले दिनों संदिग्ध स्थिति में मौत हुई हैं। वह खमरिया का निवासी था। उसने अपने बुआ, फुफा और उनकी दो बेटिया और पोती के हत्या का अरोपी था। इस संबंध में जब जिला जेल के जेलर से बातचीत की गयी तो उन्होंने कहा कि अभी कैदी के मौत से संबंधित पोस्टमार्टम रिपोर्ट हमें नहीं मिली है। वैसे जेल में हर मौत की मजिस्टेटी जांच होती है। सीजेएम की अदालत से आदेश के बाद इस घटना की भी मजिस्टेटी जांच होगी।

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