
जौनपुर। भारतीय संस्कृति के महानायक व विश्व के महानतम कवियों में से एक गोस्वामी तुलसीदास की जयंती पर गोष्ठी का आयोजन हुआ जहां स्टेट बैंक आफ इण्डिया के अवकाशप्राप्त महाप्रबंधक जनार्दन सिंह ने कहा कि तुलसी जी भारतीय संस्कृति के रक्षक थे। इसी क्रम में निदेशक संजीव उपाध्याय ने तुलसी को महानतम समन्वयक व एकता का नायक बताया तो डा. ज्योत्सना सिंह, अलका सिंह सहित अन्य वक्ताओं ने उनको उत्तर-दक्षिण भारत का शैव वैष्णव धर्मों एवं नर-वानर सभ्यता के एकीकरण का बेजोड़ युगपुरूष बताया। अन्त में गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे साहित्यकार डा. दिलीप सिंह एडवोकेट ने कहा कि सम्राट अकबर व कृष्ण के श्रृंगार रूप को ठुकराने का महान साहस विश्व कवि तुलसी के अलावा कोई कर ही नहीं सकता। घनघोर यातना व अभाव झेलकर भी उन्होंने हिन्दी को सागर माथा ही नहीं, बल्कि अनन्त ऊंचाइयों तक पहुंचाया। इस अवसर पर प्रो. शिप्रा सिंह, डा. अजये, डा. अरूण यादव, पद्मा सिंह, आशीष जायसवाल, प्रेम प्रकाश मिश्र सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।