‘अनुसंधान यात्रा’ के ‘प्रहलाद रामशरण’ विशेषांक का हुआ लोकार्पण
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तथ्यों का विधिवत् अनुसंधान करके लिखें लेखकः प्रहलाद रामशरण
जौनपुर। जनपद हिन्दी साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में नगर के हिन्दी भवन के सभागार में अनुसंधान यात्रा के ‘प्रहलाद रामशरण’ विशेषांक का लोकार्पण हुआ। इस मौके पर मुख्य अतिथि माॅरीशस के प्रख्यात साहित्यकार प्रहलाद रामशरण ने कहा कि लेखकों को तथ्यों का विधिवत् अनुसंधान करके लिखना चाहिये। साथ ही उन्होंने छद्म लेखन से पाठकों को सावधान करते हुये कहा कि माॅरीशस के हिन्दी साहित्यकार विषम परिस्थितियों मंे लेखन कर रहे हैं, यह प्रशंसनीय है। इसी क्रम में पत्रिका के सम्पादक डा. ब्रजेश यदुवंशी ने कहा कि प्रहलाद रामशरण का लेखन भारत एवं माॅरीशस के बीच सेतु का काम कर रहा है। उन्होंने प्रहलाद जी के जीवन एवं कृतित्व का परिचय दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये सूफी संत कौशिक बाबा ने प्रहलाद रामशरण को मानवता के लिये समर्पित साहित्यकार बताया। पत्रिका के इस विशेषांक का लोकार्पण अजय कुमार, कौशिक बाबा, डा. ब्रजेश यदुवंशी एवं प्रहलाद रामशरण के हाथों से हुआ। इस दौरान आयोजकों द्वारा प्रहलाद जी को अंगवस्त्रम् एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डा. आशुतोष उपाध्याय, डा. सुनील विक्रम सिंह, डा. सीबी सिंह, जनार्दन अस्थाना, कृष्णकांत एकलव्य, ओपी खरे, संजय उपाध्याय, शिवशंकर सिंह, सुनील यादव, गीता श्रीवास्तव, किरन सिंह, शोभा सिंह, रीता, गिरीश श्रीवास्तव गिरीश, राहुल यादव, संतोष कुमार, संजय कुमार, अरूण यादव, संजय सेठ आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन सभाजीत द्विवेदी प्रखर ने किया।
जौनपुर। जनपद हिन्दी साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में नगर के हिन्दी भवन के सभागार में अनुसंधान यात्रा के ‘प्रहलाद रामशरण’ विशेषांक का लोकार्पण हुआ। इस मौके पर मुख्य अतिथि माॅरीशस के प्रख्यात साहित्यकार प्रहलाद रामशरण ने कहा कि लेखकों को तथ्यों का विधिवत् अनुसंधान करके लिखना चाहिये। साथ ही उन्होंने छद्म लेखन से पाठकों को सावधान करते हुये कहा कि माॅरीशस के हिन्दी साहित्यकार विषम परिस्थितियों मंे लेखन कर रहे हैं, यह प्रशंसनीय है। इसी क्रम में पत्रिका के सम्पादक डा. ब्रजेश यदुवंशी ने कहा कि प्रहलाद रामशरण का लेखन भारत एवं माॅरीशस के बीच सेतु का काम कर रहा है। उन्होंने प्रहलाद जी के जीवन एवं कृतित्व का परिचय दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये सूफी संत कौशिक बाबा ने प्रहलाद रामशरण को मानवता के लिये समर्पित साहित्यकार बताया। पत्रिका के इस विशेषांक का लोकार्पण अजय कुमार, कौशिक बाबा, डा. ब्रजेश यदुवंशी एवं प्रहलाद रामशरण के हाथों से हुआ। इस दौरान आयोजकों द्वारा प्रहलाद जी को अंगवस्त्रम् एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डा. आशुतोष उपाध्याय, डा. सुनील विक्रम सिंह, डा. सीबी सिंह, जनार्दन अस्थाना, कृष्णकांत एकलव्य, ओपी खरे, संजय उपाध्याय, शिवशंकर सिंह, सुनील यादव, गीता श्रीवास्तव, किरन सिंह, शोभा सिंह, रीता, गिरीश श्रीवास्तव गिरीश, राहुल यादव, संतोष कुमार, संजय कुमार, अरूण यादव, संजय सेठ आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन सभाजीत द्विवेदी प्रखर ने किया।