अंगूठा ठेक नहीं , पढ़ा लिखा हो सरपंच
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जौनपुर। पंचायत चुनाव में भले ही संभावित दावेदार वोट हासिल करने के लिए जोड़-तोड़ की सियासत में मशगूल हो लेकिन इस बार यूथ का रूख कुछ और है। युवाओं ने साफ किया कि अबकी बार अंगूठा टेक नहीं बल्कि पढ़ा लिखा प्रतिनिधि होना चाहिए। अब वहीं चुना जाएगा जो विकास तो करे ही बल्कि भ्रष्टाचार मुक्त भी हो। आंकडों के मुताबिक इस पंचायत चुनाव में दस लाख से अधिक यूथ प्रतिनिधि चुनने में आगे होंगे। सोमवार को आरक्षण सीटों का प्रकाशन हो गया। मछली शहर के ब्लाक के कादनपुर निवासी रविशंकर का कहना है कि हर बार ऐसे प्रतिनिधि चुने जाते है जो लिखना पढ़ना भी नहीं जानते। ऐसे प्रतिनिधि सिर्फ जनता के पैसों का बंदरबाट करते है। हम यूथ को इस बार सोच समझ कर ही वोट देना होगा। छात्र रमेश कुमार कहते है कि प्रधान वहीं चुने जो विकास करता हो और दुख-सुख में भी आपके साथ हो। यदि कोई प्रधान अपने गांव का ही विकास नहीं कर सकता है तो इस बार प्रधान बनने का लायक नहीं है। बीए की छात्रा दीपिका कहती है कि भ्रष्ट प्रतिनिधियों से भी हम लोगों को दूर रहना है। हमसे ऐसी गलती न हो जाए जो पांच वर्षों तक खटकती रहे। ऐसे प्रतिनिधियों से मतदाताओं को सतर्क रहना पड़ेगा क्योंकि यह कोई भी हथकंडा अपना सकते हैं। लोगों से अपील करते हुए चैलहां गांव के अनिल मौर्य ने कहा कि मतदान का अधिक से अधिक प्रयोग करे लेकिन हमारा वोट गलत नहीं जाना चाहिए। प्रतिनिधि चुनने में हमे सतर्क रहकर वोट करना चाहिए। हमारा प्रधान इस बार अच्छा होना चाहिए। ग्राम पंचायत केशवपुर की ममता देवी कहती है कि जो प्रधान, बीडीसी, जिला पंचायत सदस्य गांव का विकास करे उसे ही वोट देना है। इसके अलावा पढ़ा लिखा भी होना चाहिए।