नवरात्र में देवी की अराधना कर इन लड़कियों की जिंदगी में हुई नई सुबह
https://www.shirazehind.com/2015/10/blog-post_274.html
जिंदगी में हर किसी से कभी न कभी गलती होती है, लेकिन
कभी-कभी उस गलती की सजा ताउम्र झेलनी पड़ती है। संवासिनी गृह में भी ऐसी
तमाम लड़कियां हैं, जो अपनी किसी गलती की सजा काट रही हैं। लेकिन, कहते हैं
कि नवरात्र में सच्चे मन से देवी की अराधना करने से सभी कष्ट दूर होते हैं।
इसी वजह से इन संवासिनियों ने भी जिंदगी के दामन में लगे दाग को छुड़ाने
के लिए अस्सी घाट पर दुर्गा सप्तशती का पाठ किया। शनिवार को छह लड़कियों ने
जीवन में नई ऊर्जा की कामना के लिए गंगा किनारे देवी दुर्गा की अराधना की।
योग के जरिए लोगों की जिंदगी बदलने में जुटी संस्था 'योगसूत्र' ने नवरात्र के मौके पर जैतपुरा संवासिनी गृह की लड़कियों के लिए खास कार्यक्रम आयोजित किया गया था। संस्था की संचालिका और अध्यक्ष पुष्पांजलि शर्मा ने बताया कि धर्म, आध्यात्म और संस्कृति के इस मिलन का गवाह बनने के लिए काशी में रोजाना देश-विदेश से सैलानी आते हैं।
योग के जरिए लोगों की जिंदगी बदलने में जुटी संस्था 'योगसूत्र' ने नवरात्र के मौके पर जैतपुरा संवासिनी गृह की लड़कियों के लिए खास कार्यक्रम आयोजित किया गया था। संस्था की संचालिका और अध्यक्ष पुष्पांजलि शर्मा ने बताया कि धर्म, आध्यात्म और संस्कृति के इस मिलन का गवाह बनने के लिए काशी में रोजाना देश-विदेश से सैलानी आते हैं।
संवासिनियों को समाज का हिस्सा नहीं मानते हैं लोग
पुष्पांजलि शर्मा ने कहा कि सुबह-ए-बनारस के तहत हुए इस कार्यक्रम में कुछ ऐसे लोग शामिल हुए, जिन्हें आमतौर पर सभ्य समाज का हिस्सा नहीं माना जाता है। संवासिनी गृह में अपनी गलतियों की सजा काट रही कई लड़कियां, आज कुछ समय के लिए कैद से बाहर निकल कर इस आयोजन में शामिल हुईं। उन्होंने यज्ञ में आहुति दी और गंगा आरती में शामिल होकर देवी दुर्गा की अराधना की। इसका मकसद लड़कियों को आध्यात्म से जोड़कर उनमें सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना है, ताकि आने वाले समय में वे समाज का हिस्सा बन सकें।
पुष्पांजलि शर्मा ने कहा कि सुबह-ए-बनारस के तहत हुए इस कार्यक्रम में कुछ ऐसे लोग शामिल हुए, जिन्हें आमतौर पर सभ्य समाज का हिस्सा नहीं माना जाता है। संवासिनी गृह में अपनी गलतियों की सजा काट रही कई लड़कियां, आज कुछ समय के लिए कैद से बाहर निकल कर इस आयोजन में शामिल हुईं। उन्होंने यज्ञ में आहुति दी और गंगा आरती में शामिल होकर देवी दुर्गा की अराधना की। इसका मकसद लड़कियों को आध्यात्म से जोड़कर उनमें सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना है, ताकि आने वाले समय में वे समाज का हिस्सा बन सकें।
कष्टों को दूर कर नई जिंदगी की कामना
संवासिनी प्रिया ने बताया कि नवरात्र में सच्चे मन से देवी भगवती की अराधना करने से हर मुराद पूरी हो जाती है। इसीलिए आज दुर्गा सप्तशती में वर्णित दुर्गा क्षमा प्रार्थना का पाठ किया गया। साथ ही मां दुर्गा से कष्टों को दूर कर जिंदगी में एक नई सुबह की कामना की।
संवासिनी प्रिया ने बताया कि नवरात्र में सच्चे मन से देवी भगवती की अराधना करने से हर मुराद पूरी हो जाती है। इसीलिए आज दुर्गा सप्तशती में वर्णित दुर्गा क्षमा प्रार्थना का पाठ किया गया। साथ ही मां दुर्गा से कष्टों को दूर कर जिंदगी में एक नई सुबह की कामना की।