124 घंटे तक लगातार कथक करके काशी की ये बेटी बनाएगी वर्ल्ड रिकॉर्ड

वाराणसी।  काशी की बेटी सोनी चौरसिया अब अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज कराने जा रही हैं। 14 नवंबर से आर्य महिला पीजी कॉलेज के सभागार में उन्होंने बिना स्केट्स लगातार 124 घंटे कथक करना शुरू कर दिया है। उन्हें केरल की मोहिनी अट्टम नृत्यांगना हेमलता कमंडलु का रिकॉर्ड तोडना है। हेमलता ने 123 घंटा 15 मिनट तक लगातार डांस किया था। दुनिया ने पहली बार कोई डांसर पांच दिन और पांच रात तक लगातार कथक करेगा। इससे पहले 2010 में लिम्का बुक में उनका नाम दर्ज हुआ था। स्केट्स पर 24 घटें कथक करके सोनी ने काशी का नाम रोशन किया था।
सोनी ने बताया कि उन्होंने 2010 में लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स में अपना नाम दर्ज करवाया था। इसके लिए 17 अप्रैल को 24 घंटे उन्होंने कथक किया था। तभी से उनका ठान लिया था कि एक दिन वो वर्ल्ड रिकार्ड जरूर तोड़ेंगी। सोनी 14 नवंबर को सुबह 9 बजे से 19 नवंबर को दोपहर एक बजे तक डांस करेंगी। इस दौरान वो कथक की सभी विधाओं को परफॉर्म करेंगी।
सोनी ने बताया, '' मैं क्लास सात कथक करती आ रही हूं। गुरु राजेश डोंगरा से स्केट्स मैंने सीखना शुरू किया। उस वक्त मेरे घर में कोई नहीं जानता था कि मैं स्केट्स करती हूं। 2010 में मैंने और उन्होंने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स के अधिकारीयों से संपर्क किया, तो उन्होंने ही हमें सलाह दी की पहले आप लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स में अपना नाम दर्ज कराइए। अधिकारियों की ये बात सुनकर मैंने अपने गुरु के साथ और कड़ा अभ्यास करना शुरू कर दिया और 24 घंटे तक लगातार कथक करके लिम्का बुक में अपना नाम दर्ज करवाया। मैं अब गिनीज बुक में एक नया रिकॉर्ड लिखने के लिए तैयार हूं। पांच दिन की इस अग्निपरीक्षा में हर आठ घंटे के बाद 20 मिनट का आराम भी मिलेगा।''

सोनी ने मुताबिक, "साल 2010 में लिम्का बुक में नाम दर्ज कराने के बाद मैं एक परफॉर्मेंस के लिए कानपुर अपने सर के साथ गयी थी। वहां हरियाणा के एक इंस्टीट्यूट के प्रबंधक मौजूद थे। उन्होंने वहां मुझे देखा और मेरा नंबर लिया। इसके बाद मेरे कई टेफीफोनिक इंटरव्यू हुए और मुझे म्यूजिक टीचर की जगह मिल गई। लोग रह रहे हैं मैं यहां नाम कमाने आई हूं, लेकिन सच ये है कि वो अपनी नौकरी से रिजाइन करके कला के बुलावे पर आई हैं।''
गुरु राजेश डोंगरा ने बताया कि पिछले पांच साल से सोनी कथक से दूर नहीं थीं। कुछ डांस परफॉर्म करने ही पड़ते थे। इसकी वजह से पैर इतनी देर तक कथक बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे। डॉक्टर्स ने भी 15 दिन बेड रेस्ट पर रहने के लिए कह दिया। ऐसे में सोनी रोज उनके साथ गंगा तैरकर उस पार जाती थी। वहां 12 किलोमीटर की दौड़, मेडीटेशन और उसके बाद वापस तैरकर घर वापस लौटती थी। अब उसमें वहीं एनर्जी दिखाई दे रही है साल 2010 में चैलेंज परफॉर्म करते वक्त थे।

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