शांति की तलाश में काशी पहुंची विदेशियों ने प्राप्त की तंत्र दीक्षा

 वाराणसी ।  फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुए आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को दहला दिया है। वहीं, इस घटना की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन आईएसआईएस को विदेशी पर्यटकों ने करारा जवाब दिया है। यूक्रेन और रशिया से काशी घूमने आईं दो युवतियों ने जहां एक तरफ दीपावली में गणेश-लक्ष्मी की पूजा की। वहीं, दूसरी तरफ शनिवार को आतंकी घटना में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए दुआ मांगी।
गुरु डॉ. वागीश शास्त्री ने बताया कि दोनों युवतियों ने भारतीय संस्कृति के तांत्रिक अनुष्ठान के तहत उनसे दीक्षा ली और गुरु मंत्र प्राप्त किया। दोनों का भारतीय वेद के अनुसार नामकरण भी हुआ। रशिया की योगा टीचर लीलिया का 'मीरानंद मयी मां' और यूक्रेन की योगा टीचर सेनियर का 'क्षमानंद महिमा' नामकरण हुआ। उनकी पूजा का मकसद था कि प्यार करने वालों को दहशतगर्द डराकर अलग नहीं कर सकते हैं। उन्होंने आतंकी घटना में मारे गए लोगों की आत्मा की मोक्ष के लिए प्रार्थना की।
रशिया की योगा टीचर लीलिया 'मीरानंद मयी मां' ने बताया कि दुनिया शांति की तलाश में है। कुछ लोग पूरे विश्व में आतंक फैलाना चाहते हैं। पेरिस में हुए आतंकी हमले में 155 से ज्यादा मासूम लोगों की मौत हुई है। वहां सैकड़ों बच्चे अनाथ हो गए। ऐसे में उन्होंने उनके लिए प्रार्थना की और आत्मा की शांति लिए दुआ मांगी। उन्होंने बताया कि वह पिछले 2 सालों से शांति की तलाश में काशी आ रही हैं। संस्कृत के ग्रंथों, शास्त्रों और आस्था में ही शांति का रहस्य छिपा है। गुरु से दीक्षा में मंत्र पाने के बाद ही अन्य मंत्रों की साधना की जा सकती है।
वहीं, यूक्रेन की योगा टीचर सेनियर 'क्षमानंद महिमा' कहती हैं कि विश्व शांति की तलाश में वो भगवान बुद्ध की शरण में काशी आई थीं। यहां दो साल से संस्कृत का ज्ञान ले रही हैं। मंत्रों की साधना-सिद्धि बिना दीक्षा और गुरु के आशीर्वाद के संभव नहीं है। उन्होंने गुरु द्वारा दिए गए नाम को ग्रहण किया और कुंडलिनी जागृत करने की तंत्र विधि सीखी, जिससे मन पर काबू पाया जा सकता है।

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