डाॅ राजेन्द्र प्रसाद का जन्म दिन मनाया गया
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हैदराबाद। आज जन सेवा के केन्द्रीय कार्यालय पर देश रत्न डाॅ
राजेन्द्र प्रसाद जी का जन्म दिन मनाया गया।जन्म के उपलक्ष्य पर जन सेवा
संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी राजू ओझा ने बताया कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद का जन्म दिवस.
आज
ही के दिन बिहार के सारण (अब सीवान) ज़िले के जीरादेई में जन्मे राजेंद्र
बाबू देश के लिए मिसाल हैं. कुछ समय पहले उनके गांव जीरादेई के उनके पैतृक
आवास में जाने का मुझे अवसर मिला था. ये घर अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण
की देखरेख में एक संग्रहालय का रूप ले चुका है. मेरी ये तस्वीरें वहां
बिताए उन क्षणों को ताज़ा करती हैं। राजेंद्र बाबू कई मायनो में
मिसाल थे. पहली मिसाल तो विद्यार्थियों के लिए. छपरा के ज़िला स्कूल से
माध्यमिक शिक्षा लेने के बाद वे कलकत्ता विश्वविद्यालय के छात्र हुए.
उन्हीं दिनो का ये वाकया है- राजेंद्र प्रसाद भारत के ऐसे पहले छात्र थे
जिनकी उत्तर पुस्तिका पर एक अंग्रेज़ परीक्षक ने ये टिप्पणी की थी कि
परीक्षार्थी परीक्षक से ज्यादा योग्य है. वे भारतीय राजनेताओं के लिए सादगी
और त्याग की बेजोड़ मिसाल थे. सादगी ऐसी कि सैकड़ों कमरों और बड़े-बड़े
खानसामों से भरे राष्ट्रपति भवन में रहने के लिए राजेंद्र बाबू जब पहली बार
पहुंचे तो उनकी पत्नी ने कहा- ए जी, घर त बहुत बडहन बा लेकिन एह घर में
हमार चूल्हा-चौका कहां बा? राजेंद्र बाबू ने उन्हें समझाया कि यहां
चूल्हा-चौका की ज़रूरत नहीं है. खानसामे भोजन बनाते हैं. इस पर उनकी पत्नी
ने पलटकर कहा- ना जी, राऊर भोजन त माटी के चूल्हा पर हमहीं बनाएब. सादगी की
ये बड़ी मिसाल है. राजेंद्र बाबू को शत् शत् नमन. जन्म दिन के उपलक्ष्य के
दौरान रान अजय सिंह, सुधीर जायसवाल, सुबोध कुमार सिंह, हरेन्द्र चौबे,
आदि लोग उपस्थित थे।