कोटेदार की लूटपाट से परेशान हैं केराकत के चौरावासी
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जौनपुर। कहा जाता है कि जब सत्ता बदलती है तो व्यवस्था स्वतः बदल जाती है किन्तु केराकत के चौरा गांव के कोटेदार की लूटपाट में कोई बदलाव नहीं आये जिससे ग्रामवासियों में आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों के अनुसार लगभग साढ़े 3 दशक पहले उक्त का कोटा एक दलित व्यक्ति का था जिसे वर्तमान कोटेदार के कुछ चहेतों ने बहला-फुसलाकर उससे लेकर अपने बेटे जो उस समय कबाड़ खरीदता था, को कोटेदार बनवा दिया। लगभग 3 बार निलम्बित व नियम-कानून की धज्जियां उड़ाकर बार-बार बहाल हुये कोटेदार के तताम अफसाने हैं। लाल व सफेद कार्ड वालों को 25 से 28 किलो तक राशन दिया जाता है जबकि नियम है कि प्रति कार्ड पर 35 किलो राशन देना है। ग्रामीणों के अनुसार अनियमितता व धनार्जन का प्रकरण तब की है जब 23 दिसम्बर को कोटेदार मिट्टी का तेल ग्रामीणों को 20 रूपये चार्ज करके 2 लीटर प्रति कार्ड दे रहा था। ग्रामीणों की शिकायत मिलने पर नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान द्वारा हस्तक्षेप किया गया तब जासकर रेट कम करके 19 रूपये के हिसाब से तेल बांटा गया। बताते चलें कि ग्राम पंचायत भवन में अनाधिकृत रूप से कब्जा करके सरकारी राशन की दुकान चलाने वाले कोटेदार को भवन खाली करने व लाइसेंस में उल्लिखित भवन में विभागीय निर्देशों के तहत आवश्यक वस्तु वितरण प्रणाली की दुकान चलाने का मौखिक निर्देश दिया जा चुका है। फिलहाल कोटेदार के आचरण में सुधार होगा कि नहीं यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन यदि सुधार नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में इससे प्रधान के सिर का दर्द बढ़ सकता है।