मौत के रहस्य पर से पर्दा उठाने के लिए आठ माह से कब्र में दफन शव को निकालकर भेजा गया पोस्टमार्टम हाउस
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जौनपुर। एक युवक के मौत पर से रहस्य का पर्दा उठाने के लिए आज पुलिस ने आठ माह से दफन शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। मृतक के परिजनो का आरोप है कि प्रापर्टी की लालच में बीबी और साले ने उसका जहर देकर कत्ल किया है। परिवार वालो को यह आंदेशा मौत से एक दिन पूर्व मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए दिये गये आवेदन से हुआ है।
जौनपुर नगर कोतवाली थाना क्षेत्र के मखदूमशाह अढ़न मोहल्ले का निवासी जफर अब्बास कानपुर जिले के नौबस्ता थाना क्षेत्र मछरिया बाजार में ट्रांपोर्ट का काम करता था। 20 जून 2015 को जफर की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गयी। बीबी नफीस फात्मा और उसका भाई फराज शव लेकर जौनपुर आये यहां पर उसका अंतिम सस्कार सदर इमामबाड़े में किया। परिवार वाले उसे स्वभाविक मौत मानकर चल रहे थे। इसी बीच उसकी पत्नी नफीस फात्मा ससुराल वालो से लड़ झगड़कर माइके चली गयी। उसके व्यापार पर बीबी और े साले फराज का नाम दर्ज हो गया। इस सारे घटनाक्रम पर शंका होने पर जफर का भाई आरिफ अब्बास कानपुर जाकर तहकीत किया । आरिफ ने मीडिया को बताया कि मैने कानपुर जाकर मकान मालिक और उनके दोस्तो से बात किया तो पता चला कि भाई की मौत किसी विमारी के कारण नही हुई बल्की उनकी बीबी नफीस फात्मा और उनका साला फराज ने जहर देकर मारा है। इसी बीच बैंक व अन्य जगह लगायी गयी मृत्यु प्रमाण पत्र को देखा तो पता चला यह सार्टिफिकेट मरने से एक दिन पूर्व यानी 19 जून 2015 को जौनपुर नगर पालिका में आवेदन करके बनवाया गया है। सबूत पुख्ता मिलने के बाद इसकी शिकायत मैने नौबस्ता थाने में किया लेकिन छः माह बीतने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्यवाही नही किया बाद मै पुलिस महानिदेशक लखनऊ से मिला। डीजी ने तुरन्त इस मामले पर सख्त कदम उठाते हुए कानपुर के आईजी को कार्यवाही करने का आदेश दिया। आईजी ने इस मामले की जांच कनौज के सीओ को सौप दिया। सीओ ने जांच में मामला सही पाते हुए दोनो आरोपियो के खिलाफ धारा 302 201 और 328 तहत मुकदमा दर्ज कर शव का पोस्टमार्टम कराने का आदेश दिया। आज उस आदेश के अनुपालन में शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चल पायेगा कि जफर की मौत कैसे हुई।
जौनपुर नगर कोतवाली थाना क्षेत्र के मखदूमशाह अढ़न मोहल्ले का निवासी जफर अब्बास कानपुर जिले के नौबस्ता थाना क्षेत्र मछरिया बाजार में ट्रांपोर्ट का काम करता था। 20 जून 2015 को जफर की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गयी। बीबी नफीस फात्मा और उसका भाई फराज शव लेकर जौनपुर आये यहां पर उसका अंतिम सस्कार सदर इमामबाड़े में किया। परिवार वाले उसे स्वभाविक मौत मानकर चल रहे थे। इसी बीच उसकी पत्नी नफीस फात्मा ससुराल वालो से लड़ झगड़कर माइके चली गयी। उसके व्यापार पर बीबी और े साले फराज का नाम दर्ज हो गया। इस सारे घटनाक्रम पर शंका होने पर जफर का भाई आरिफ अब्बास कानपुर जाकर तहकीत किया । आरिफ ने मीडिया को बताया कि मैने कानपुर जाकर मकान मालिक और उनके दोस्तो से बात किया तो पता चला कि भाई की मौत किसी विमारी के कारण नही हुई बल्की उनकी बीबी नफीस फात्मा और उनका साला फराज ने जहर देकर मारा है। इसी बीच बैंक व अन्य जगह लगायी गयी मृत्यु प्रमाण पत्र को देखा तो पता चला यह सार्टिफिकेट मरने से एक दिन पूर्व यानी 19 जून 2015 को जौनपुर नगर पालिका में आवेदन करके बनवाया गया है। सबूत पुख्ता मिलने के बाद इसकी शिकायत मैने नौबस्ता थाने में किया लेकिन छः माह बीतने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्यवाही नही किया बाद मै पुलिस महानिदेशक लखनऊ से मिला। डीजी ने तुरन्त इस मामले पर सख्त कदम उठाते हुए कानपुर के आईजी को कार्यवाही करने का आदेश दिया। आईजी ने इस मामले की जांच कनौज के सीओ को सौप दिया। सीओ ने जांच में मामला सही पाते हुए दोनो आरोपियो के खिलाफ धारा 302 201 और 328 तहत मुकदमा दर्ज कर शव का पोस्टमार्टम कराने का आदेश दिया। आज उस आदेश के अनुपालन में शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चल पायेगा कि जफर की मौत कैसे हुई।