पिता कैंसर से जूझ रहे थे बेटी बनी आईएएस
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लखनऊ। एक तरफ सुनहरे भविष्य का सपना, तो दूसरी ओर पिता की बीमारी के साथ घर की जिम्मेदारी। इसके बावजूद वत्सला गुप्ता ने हिम्मत नहीं हारी और आखिरकार तीसरे प्रयास में यूपीएससी में 173वीं रैंक लाकर सफलता प्राप्त की।
वृंदावन योजना में रहने वाली वत्सला ने अपनी तैयारी 2013 में शुरू की, लेकिन तभी उनके पिता भागवत प्रसाद गुप्ता, जो कि सिंचाई विभाग में सहायक अभियंता हैं को कैंसर हो गया।
पिता को इलाज केलिए मुंबई ले जाना पड़ा, तो पूरी जिम्मेदारी वत्सला और उसकी छोटी बहन अनामिका पर आ गई। 2014 में जब पिता की तबीयत ठीक हुई, तो एक बार फिर से वत्सला ने अपनी तैयारी शुरू कर दी और आखिरकार अपने सपने को पूरा किया।
वत्सला की मां जानकी गुप्ता गृहिणी हैं। बेटी की इस कामयाबी पर पूरा परिवार फूला नहीं समा रहा। पिता तो इतना ही कहते हैं कि उनकी बेटियां ऐसे लोगों के लिए उदाहरण हैं जो बेटे की चाह रखते हैं या बेटियों को दुनिया में आने ही नहीं देते।
सभार - अमर उजाला
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