गम्भीर रोग से पीड़ित गरीब मरीजो को जिला स्तर से मिलेगी डेढ़ लाख रूपये की आर्थिक सहायता

जौनपुर।  शासन के निर्देशानुसार मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 रविन्द्र कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जनपदीय आरोग्य निधि समिति को अधिकतम रूपया- 1.50 लाख की आर्थिक सहायता स्वीकृत करने हेतु प्रधिकृत किया गया है। जिलाधिकारी द्वारा रू-1.50 लाख की आर्थिक सहायता के अधिक के प्रकरण महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवायें उ0प्र0 लखनऊ की तकनीकी समिति को प्रेषित किये जायेगें।
         इस योजना के तहत हृदय रोग व हृदय शल्य चिकित्सा, कैंसर, गुर्दा व मूत्र रोग अस्थि रोग, थैलीसीमिया आदि के उपचार हेतु सहायता दी जाती है। आवेदक को एस0जी0पी0जी0आई0 लखनऊ के0जी0एम0यू0 लखनऊ बी0आर0डी0 मेडिकल कालेज गोरखपुर, एम0एल0बी0 मेडिकल कालेज झॉसी, एम0एल0एन0 मेडिकल कालेज इलाहाबाद, जी0एस0वी0एम0 मेडिकल कालेज कानपुर एस0एन0 मेंडिकल कालेज आगरा, आई0एम0एस0बी0एच0यू0 वाराणसी जे0 एवं नेहरू मेडिकल कालेज ए0एम0यू0 अलीगढ़ व एस0वी0वी0पी0 मेडिकल कालेज मेरठ में इलाज कराये जाने पर उनके द्वारा प्रदत्त चिकित्सकीय प्रमाण-पत्र एवं आगणन के आधार पर नियमानुसार आवेदन करने पर अनुमन्य की जाती है। 
        राज्य आरोग्य निधि (मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा कोष) से उपचार हेतु आर्थिक सहायता प्रदान करने के सम्बन्ध में मार्ग दर्शक बिन्दु निम्नवत है।
        गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले गम्भीर रोगो से पीड़ित व्यक्तियों के विशिष्ट चिकित्सा उपचार हेतु चिकित्सकीय सुविधायें उपलब्ध कराने हेतु मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा कोष (राज्य आरोग्य निधि) की स्थापना की गयी है।
        प्रा0/सामु0स्वा0 केन्द्र में वांक्षित केन्द्र में चिकित्सकीय सुविधायें उपलब्ध न होने पर जिला पुरूष/महिला चिकित्सालयों/संयुक्त चिकित्सालयों में संदर्भित किये जाने अथवा वहॉ रोगी के स्वयं उपचार हेतु जाने पर उक्त चिकित्सालयों में तैनात विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा यदि यह महसूस किया जाता है कि रोगी ऐसे रोग से ग्रसित है जिसका उपचार उक्त चिकित्सालय में उपलब्ध नही है तो वह राज्य आरोग्य निधि (मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा कोष) के तहत आर्थिक सहायता से उपचार हेतु रोगी का निर्धारित प्रारूप पर आवेदन प्राप्त करेगा। 
        विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा इस आशय का प्रमाण पत्र दिया जायेगा कि प्रश्नगत रोग के उपचार की सुविधा चिकित्सालय में उपलब्ध नही है तथा उसके द्वारा प्रमाण-पत्र को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित भी कराया जायेगा। 
रोगी से आवेदन प्राप्त करते समय यथा सम्भव यह प्रयास किया जायेगा कि उसका निवास-प्रमाण पत्र अथवा मतदाता पहचान पत्र तथा गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने सम्बन्धित प्रमाण-पत्र विलम्ब न हों।
        विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा के अनुसार आवेदन पत्र जिलाधिकारी को संदर्भित किया जायेगा।
  जिलाधिकारी एक सप्ताह के भीतर समस्त औपचारिकताओ तथा निवास का प्रार्थना पत्र तथा आय/बी0पी0एल0 सम्बन्धी तथ्यों को सुनिश्चित करते हुये प्रार्थना रू0-150000 तक जिलाधिकारी के स्तर पर गठित समिति द्वारा स्वीकृति किये जायेगे तथा उससे अधिक के प्रकरण को मण्डलायुक्त को संदर्भित करेगें। 
मण्डलीय समिति की बैठक पाक्षिक अवधि के अन्तराल में सम्पन्न होगी, परन्तु आकस्मिकता की स्थिति में समिति की बैठक कभी भी बुलाई जा सकती है।  

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