महात्मा गांधी भारत के बटवारे के दोषी नहीं थे


जौनपुर । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भारत के बटवारे के दोषी नहीं थे। उन्होंने कभी बटवारा नहीं चाहा। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि यदि बटवारा होगा तो मेरी लाश पर होगा।’’ ये बातें टी0 डी0 कालेज के पूर्व प्राचार्य एवं चिन्तक डा0 अरुण सिंह ने जौनपुर संघर्ष मोर्चा के कार्यक्रम मे कहा। श्री सिंह इस विशेष आयोजन के मुख्य वक्ता के रुप में बोल रहे थे। श्री सिंह ने बटवारे को अंग्रेजों का षडयंत्र करार दिया। अंग्रेज गांधी जी की अहिंसात्मक आन्दोलन से घबराते थे इस लिए वे बाटो और राज करो की अपनी नीति को अमल में लाकर भारत को बटवारे की दहलीज पर पहुंचा दिया। गांधी जी के बारे में भ्रान्तियां तभी समाप्त हो सकती है जब गांधी जी को पढ़ा जाय।
    2 अक्टूबर गांधी जयंती पर जौनपुर संघर्ष मोर्चा की नगर युवा शाखा ने गोमती तट हनुमान घाट पर सायं एक विशेष आयोजन किया। अपने तरह के इस अनूठे कार्यक्रम का आरम्भ अतिथियों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो0 आर0एन0 सिंह थे। उन्होंने गांधी जी को दुनिया के सबसे महान नेताओं में शुमार किया।  विश्व के बड़े नेताओं चाहे वो मार्टिन लूथर किंग हो या नेल्सन मंण्डेला सभी गांधी जी के अहिंसात्मक आन्दोलन एवं विचारों से प्रभावित होकर ही नेतृत्व किया।
    विशिष्ट अतिथि के रुप में राजा हरपाल सिंह कालेज के पूर्व प्राचार्य कैप्टन टी0एन0 सिंह ने कार्यक्रम में मौजूद लोंगो से आह्वाहन किया कि गांधी जी के विचारों को जीवन में उतारने से गांधी जी को सच्ची श्र(ांजलि होगी। कार्यक्रम में उपस्थित जौनपुर की मशहूर गायिका सविता अंशुमान ने गांधी जी के भजन ‘‘रघुपति राघव राजा राम’’ एवं देश भक्ति के गीत गाकर कार्यक्रम में चार-चांद लगा दिया। गायिका सविता अंशुमान को  बेहतरीन गायन के लिए  मौलाना ताजुल इस्लाम सिदद्दीकी   एवं जौनपुर संघर्षमोर्चा के नगर अध्यक्ष महेश सेठ ने पुस्तक एवं प्रसस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
    कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जौनपुर संघर्षमोर्चा के प्रमुख सुभाष कुशवाहा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में गांधी जी के सिधान्तों एवं विचारों को समसामायिक परिस्थितियों में प्रासंगिक बताया। गांधी जी के बारे में बात करने से पहले पढ़ना आवश्यक है। जब लोग गांधी जी को पढ़ेगे तब लोग गांधी जी के विचारों से प्रभावित भी होंगे। उन्होंने उपस्थित जन समूह से अपील की कि जातिवाद एवं भ्रष्टाचार, अराजकता, अनैतिकता से लड़ने के लिए गांधी जी बताये गये उपायों को अपनाये और सड़क पर उतर कर संघर्ष करें। उन्होंने जौनपुर संघर्ष मोर्चा के नगर की युवा टीम को ऐसे शानदार कार्यक्रम के आयोजन के लिए बधाई दी। कार्यक्रम को मशहूर शायर आकिल जौनपुरी, जौनपुर की सामाजिक संस्था जेब्रा के अध्यक्ष संजय सेठ, शिव सेवा संस्थानम् के अध्यक्ष विमल सिंह, कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ अध्यक्ष शिव मोहन श्रीवास्तव, भारत विकास परिषद के अध्यक्ष विक्रम गुप्त आदि सम्मानित लोगों ने  सम्बोधित किया। अन्त में महात्मा गांधी से सम्बन्धित प्रश्नकाल का भी आयोजन किया गया जिसमें शिक्षक चन्दकांत पटवा जी को सर्वश्रेष्ट प्रश्न के लिए सम्मानित भी किया गया।
    कार्यक्रम स्थल पर नगर के पुस्तक विक्रेता किताब घर के सहयोग से पुस्तक मेले का भी आयोजन किय गया जिसमें लोगों ने महात्मागांधी से सम्बन्धित साहित्य का जमकर खरीददारी की। कार्यक्रम स्थल पर आदर्श नागरिक बनों अभियान का स्टाल संदीप मौर्या एवं उग्रसेन यादव के संयोजन में लगाया गया था। अन्त में जौनपुर संघर्ष मोर्चा के महासचिव सतवंश सिंह एडवोकेट ने आये हुय अतिथियों एवं सम्मानित नागरिकों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में कास्मेटिक एवं मेडिकल एसोसिएशन के के0नि0 जौनपुर संघर्ष मोर्चा के युवा नगर अध्यक्षद्वै शुभम् श्रीवास्तव एवं विशाल वर्मा , महासचिव प्रीतम सोनी, मो0  ताहिर, शिवशंकर सेठ, गोलू सेठ, गौरव, कलेक्ट्रेट बार संघ के महावीर पाल एडवोकेट, टी.डी. लाॅ कालेज के  डा0 रतन चन्द्र मौर्य, राजकुमार राजू ‘एडवोकेट’, वीरेन्द्र गुप्ता, नीरज सेठ, धीरज उपाध्याय, मदन लाल, अनिल पाण्डेय, सूरज मौर्य आदि सैकड़ो लोगों ने सक्रिय सहभागिता दी। कार्यक्रम का सफल संचालन महेन्द्र जी ने किया।


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