कायस्थ समाज संगठित नहीं होगा तो विलुप्त हो जायेगाः निर्मल शंकर

जौनपुर। भारतीय कायस्थ महासभा की स्थापना 1887 में सभी जातियों को मिलाकर एक संघ की स्थापना इस उद्देश्य से की गयी थी कि देश को अंग्रेजों से मुक्त कराया जा सके। कालान्तर में यह सिर्फ कायस्थांे की संस्था बनकर रही। कायस्थ महासभा का एक गौरवशाली इतिहास रहा है परन्तु आज आज हम विलुप्त होने के कगार पर है। हमें चेतना होगा। संगठित होना होगा और हर क्षेत्र में आगे आना होगा तभी हम अपना अस्तित्व कायम रख सकते हैं। उपरोक्त उद्गार अखिल भारतीय कायस्थ महासभा द्वारा आयोजित चित्रगुप्त पूजन व सम्मान समारोह के दौरान बतौर मुख्य अतिथि महासभा के राष्ट्रीय महासचिव निर्मल शंकर श्रीवास्तव ने कही।
विशिष्ट अतिथि महासभा की उत्तर प्रदेश महिला अध्यक्ष नीरा सिन्हा वर्षा ने कहा कि कायस्थ का अर्थ काया व अस्थि से बना हर मनुष्य कायस्थ है। चाहे वह क्षत्रिय हो, ब्राह्ण हो, वैश्य हो या शुद्र हो। वर्ण व्यवस्था की चर्चा करते हुये उन्होंने कहा कि हम 4 वर्णों में नहीं हैं, अपितु हमारा अलग 5वां स्थान है। अब हमें राजनीति में भी 5वां स्थान चाहिये। इसके लिये सभी कायस्थ मिलकर प्रयास करें। विशिष्ट अतिथि सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी संतोष श्रीवास्तव ने कहा कि हमारे कौम की सबसे बड़ी कमी यह है कि हम अपनों से दूर हो गये। हमने घर छोड़ा, गांव छोड़ा, खेती छोड़ी, परिवार छोड़ा। अपनांे से दूर कोई सुखी नहीं रह सकता है। हमें एक-दूसरे से जुड़ना होगा। नगर के सिद्धार्थ उपवन में आयोजित कार्यक्रम में भगवान चित्रगुप्त पूजनोत्सव के बाद सम्मान समारोह व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कायस्थ समाज में विशिष्ट कार्य करने वाले लोगों का सम्मान महासभा द्वारा किया गया। सम्मानित होने वालों में राष्ट्रीय फुटबाल खिलाड़ी संतोष श्रीवास्तव, पत्रकार जय आनन्द, पत्रकार विद्या प्रकाश श्रीवास्तव, अवकाशप्राप्त शिक्षक प्यारे मोहन श्रीवास्तव, अवकाशप्राप्त शिक्षक शिवपूजन अस्थाना, कवि जनार्दन अस्थाना, समाजसेवी संदीप अस्थाना, एडीजीसी क्रिमिनल संजय श्रीवास्तव, ज्येष्ठ लेखा परीक्षक सागर सिन्हा के साथ कायस्थ समाज के उन तमाम छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने बोर्ड या विवि परीक्षा मंे 90 प्रतिशत से ज्यादा अंक प्राप्त किये थे। पूविवि से बीटेक (आईटी) में स्वर्ण पदक प्राप्त रिद्धिमा नन्द श्रीवास्तव को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा के समक्ष अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। तत्पश्चात् चित्रगुप्त आरती गायक पंकज सिन्हा व शैली गगन व साथियों द्वारा किया गया। अतिथियों का स्वागत प्रदेश मंत्री रवि श्रीवास्तव ने किया। आभार ज्ञापन जिलाध्यक्ष राकेश श्रीवास्तव ने किया। इलाहाबाद से आये सांवरिया ग्रुप ने एक से बढ़कर एक झांकी प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों को भाव-विभोर कर दिया। इस अवसर पर किरन श्रीवास्तव, वंदना अस्थाना, मिलन श्रीवास्तव, सीमा श्रीवास्तव, प्रदेश महासचिव नमिता श्रीवास्तव, सुरेश अस्थाना, आनन्द मोहन श्रीवास्तव, संतोष श्रीवास्तव, अजय आनन्द, सरोज श्रीवास्तव, दिनेश चन्द्र श्रीवास्तव, सुधीर अस्थाना, दयाशंकर निगम, अमित निगम, राजन स्वरूप वर्मा, एससी लाल, कार्यक्रम संयोजक श्याम रतन श्रीवास्तव, डा. संजय श्रीवास्तव, आशीष श्रीवास्तव, संजीव श्रीवास्तव, रोशन श्रीवास्तव सहित तमाम कायस्थ बंधु उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन युवा जिलाध्यक्ष संजय अस्थाना ने किया।

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