खेती के लिए नासूर बने नीलगाय
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जौनपुर। कभी प्राकृतिक विडम्बना तो कभी सरकारी संसाधनों की उपेक्षा से परेशान किसान को अब नीलगायों के कहर से फसल गवानी पड़ रही है। तमाम परेशानियों के बाद जी तोड़ मेहनत के बाद तैयार की जा रही फसल पर नीलगायों का आतंक भारी पड़ रहा है। उपेक्षा और बदनसीबी का दूसरा नाम बन चुके किसानों के लिए खेती करना डेढ़ी खीर बन गयी है। कभी सूखा तो कभी अचानक बारिश फिर खाद बीज और नहरों के धोखा देने का सिलसिला अभी थमा नहीं है। इस सबमें किसी तरह फसल लगाने के बाद किसी तरह फसल बचाना कठिन साबित हो जाता है। गौराबादशाहपुर और केराकत क्षेत्र में बढ़ते घटरोजों के आतंक के कारण किसानों की कमर टूटती नजर आ रही है। सैकड़ों ऐसे है जहां नील गायों की बढ़ती संख्या किसानों के लिए सिरदर्द साबित हो रही है। इनके झुण्ड खड़ी फसलों व सब्जियों को रौदते हुए चर जाते है। इसमें किसानों के हाथ कुछ नहीं लग पता है। इस गंभीर समस्या पर क्षेत्र के किसानों का कहना है कि सरकार को इस बारे में कोई ठोस निर्णय लेना चाहिए।