डाकघरों में करेंसी संकट बरकरार
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जौनपुर। नोटबंदी को 15 दिन से अधिक बीत चुके हैं मगर जिले के अधिकतर डाकघरों में करेंसी संकट बरकरार है। सैकड़ों ग्राहकों को रोजाना डाकघरों से निराश होकर लौटना पड़ रहा है। डाक विभाग की ओर से प्रतिदिन एक करोड़ रुपये की करेंसी एसबीआई से मांगी जा रही है मगर बैंक से बामुश्किल 10, 20 या 50 लाख रुपये ही मिल पाते हैं। कई-कई दिन करेंसी मिलती ही नहीं। जो करेंसी मिलती है, उसे प्राथमिकता के आधार पर प्रधान डाकघर को दिया जाता है। कुछ ही करेंसी उन डाकघरों को मिलती है, जहां ग्राहकों का ज्यादा दबाव रहता है। डाकघरों में न तो खाते से रकम निकल पा रही है और न नोट बदले जा रहे हैं। जबकि, ग्रामीण क्षेत्रों में काफी आबादी बैंकिंग सेवा से दूर हैं। बचत खातों में ही जमा होंगे पुराने नोट रू डाकघरों में न ग्राहकों के नोट बदले जा रहे हैं और न खातों से करेंसी निकल पा रही है। अब ग्राहकों की समस्या में और इजाफा कर दिया है। अब ग्राहकों के बचत खातों में ही अमान्य पुराने नोट जमा किए जा रहे हैं, बाकी योजनाओं में निवेश करने वाले लोगों से छोटे या नए 2000 के नोट ही मांगे जा रहे हैं। इससे समस्या और बढ़ गई है