शहर को कचरा फेकने के नाम पर खेल
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जौनपुर। नगर पालिका परिषद में इन दिनों शहर से कचरा दूर करने के नाम पर खेल हो रहा है। ठेके पर सफाई के लिए लगाई जा रही टीम से कमीशनखोरी तय करने के बाद बगैर काम के उन्हें भुगतान कर दिया जाता है। नियमित सफाई कर्मचारी जरूर कहीं कहीं पर दिखाई देते हैं बाकी बैकलॉग सफाई कर्मियों को भी बगैर सफाई कार्य के मानदेय जारी कर दिया जाता है। लंबे अर्से से चल रहे इस खेल की वजह से ही शहर की गंदगी दूर नहीं हो पा रही है । सैकड़ों सफाई कर्मियों की फौज और संसाधन पूरे होने के बाद भी शहर कचरे में तब्दील होता नजर आ रहा है। समय-समय पर जिम्मेदार अधिकारी इस बात का दावा तो करते हैं कि शहर से गंदगी को दूर किया जाएगा लेकिन धरातल पर कोई कार्य होता दिखाई नहीं देता। जिम्मेदारों के दावों की पोल मौजूदा व्यवस्था जमकर खोल रही है। शहर का शायद ही कोई ऐसा स्थान हो जहां गंदगी के ढेर नहीं लगे हों, सभी ठिकानों पर सुबह से ही गंदगी के ढेर लगने शुरू हो जाते हैं पर उन ढेरों को दूर करने के लिए कोई भी नहीं पहुंचता। जबकि हर महीने लाखों रुपये का भुगतान सिर्फ सफाई के नाम पर हो जाता है। कागजों में सफाई कर्मियों का नाम दर्शाने के बाद उनके नाम पर भुगतान भी कर लिया जाता है।