तीन महिला प्रत्याशियों के बीच फंसे है बसपा प्रत्याशी भोलानाथ
https://www.shirazehind.com/2017/02/blog-post_299.html
जौनपुर। मड़ियाहूं सीट पर इस बार भी तीन महिलाएं चुनाव मैदान में ताल ठोक रही है। इन महिलाओ के बीच फंसे है बसपा प्रत्याशी भोलानाथ शुक्ला। इस चुनाव में भाजपा -अपनादल गठबंधन से लीना तिवारी सपा से विधायक श्रद्वा यादव और "अपनादल कृष्णा" पटेल गुट से माफिया डान मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह चुनाव लड़ रही है। फिलहाल कौन बाजी मारेगा इसका फैसला मड़ियाहूं के मतदाताओ को करना है।
2012 विधानसभा चुनाव के आकड़े पर नजर डाले तो सपा ने श्रद्वा यादव को मैदान में उतारा था भाजपा ने मालती दुबे को प्रत्याशी बसपा ने सावित्री पटेल को टिकट दिया था। उधर माफिया डान मुन्ना बजरंगी खुद अपनादल से मैदान में उतरे थे। मड़ियाहूं की जनता ने माफिया को दरकिनार करते हुए महिला प्रत्याशी श्रध्दा यादव को अपना विधायक चुनी थी।
2017 चुनाव में एक फिर से तीन महिला प्रत्याशी आमने सामने है। बस फर्क इतना है कि इस बार मुन्ना बजरंगी खुद मैदान में न आकर अपनी पत्नी सीमा सिंह को उतार दिया है।
श्रद्वा यादव विधायक है वे काफी मजबूती से चुनाव मैदान में ताल ठोक रही है। उधर भाजपा-अपनादल से लीना तिवारी मैदान में होने के कारण वे श्रध्दा को जबरदस्त टक्कर दे रही है। इन महिलाओ के बीच फंसे बसपा प्रत्याशी भोलानाथ शुक्ला पार्टी के परम्परागत वोटो के सहारे अपनी कश्ती पार लगाने के फिराक में है।
पूर्व ब्लाक प्रमुख कैलाश दुबे, जिला पंचायत सदस्य राजकुमार सिंह और बांकेलाल तिवारी की हत्या का आरोप मुन्ना बजरंगी पर होने के कारण क्षत्रिय और ब्राहमण मतदाता सीमा को वोट देने के मुड नही दिख रहे है। हालांकि कुछ क्षत्रिय मतदाता मुन्ना के पक्ष में है लेकिन ब्राहमण तो पूरी तरह से नाराज है। इसका खामियाजा मुन्ना बजरंगी 2012 में भुगत चुके है।
इस बार कौन विधायक बनेगा इसका फैसला मड़ियाहूं की जनता आगामी 8 मार्च को करेगी।
2012 विधानसभा चुनाव के आकड़े पर नजर डाले तो सपा ने श्रद्वा यादव को मैदान में उतारा था भाजपा ने मालती दुबे को प्रत्याशी बसपा ने सावित्री पटेल को टिकट दिया था। उधर माफिया डान मुन्ना बजरंगी खुद अपनादल से मैदान में उतरे थे। मड़ियाहूं की जनता ने माफिया को दरकिनार करते हुए महिला प्रत्याशी श्रध्दा यादव को अपना विधायक चुनी थी।
2017 चुनाव में एक फिर से तीन महिला प्रत्याशी आमने सामने है। बस फर्क इतना है कि इस बार मुन्ना बजरंगी खुद मैदान में न आकर अपनी पत्नी सीमा सिंह को उतार दिया है।
श्रद्वा यादव विधायक है वे काफी मजबूती से चुनाव मैदान में ताल ठोक रही है। उधर भाजपा-अपनादल से लीना तिवारी मैदान में होने के कारण वे श्रध्दा को जबरदस्त टक्कर दे रही है। इन महिलाओ के बीच फंसे बसपा प्रत्याशी भोलानाथ शुक्ला पार्टी के परम्परागत वोटो के सहारे अपनी कश्ती पार लगाने के फिराक में है।
पूर्व ब्लाक प्रमुख कैलाश दुबे, जिला पंचायत सदस्य राजकुमार सिंह और बांकेलाल तिवारी की हत्या का आरोप मुन्ना बजरंगी पर होने के कारण क्षत्रिय और ब्राहमण मतदाता सीमा को वोट देने के मुड नही दिख रहे है। हालांकि कुछ क्षत्रिय मतदाता मुन्ना के पक्ष में है लेकिन ब्राहमण तो पूरी तरह से नाराज है। इसका खामियाजा मुन्ना बजरंगी 2012 में भुगत चुके है।
इस बार कौन विधायक बनेगा इसका फैसला मड़ियाहूं की जनता आगामी 8 मार्च को करेगी।