नोटबन्दी का नहीं रहा दाग, वोट बरसाये बेहिसाब

जौनपुर। केंद्र की भाजपा सरकार का तीन महीने पहले लिया गया नोटबंदी का फैसला कितना सही था, यह जिले की जनता ने मतगणना के बाद आये परिणाम में दिखा दिया। शुरू में कुछ दिक्कतें भले रही हों लेकिन हर किसी ने इसे बेहतर भविष्य के लिए उत्तम मानते हुए भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में जमकर वोट बरसाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर को अचानक पांच सौ और एक हजार रुपये का पुराना नोट चलन से बाहर कर दिया। साथ ही अन्य नोटों की उपलब्धता और नए नोटों को छपने में समय लगने के कारण खातों से निकासी पर सीमा निर्धारित कर दी। एटीएम पर भी निकासी की लिमिट लगा दी। ऐसा करने के पीछे प्रधानमंत्री का मकसद कालाधन बाहर निकालने, भ्रष्टाचार और आतंकवाद को खत्म करना रहा। नोटबंदी के दौरान नकदी के लिए बैंकों और एटीएम पर लंबी लाइनें लग गई। धीरे-धीरे आरबीआइ ने नए दो हजार और पांच सौ के नोट निकालकर स्थितियों को काबू में कर लिया। दो महीने में ही हालात नियंत्रण में आ गए। शुरुआत में दिक्कत होने पर कुछ लोगों ने इसका विरोध किया, लेकिन फिर इसे भविष्य के लिए जरूरी मानते हुए स्वीकार भी कर लिया।

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