फसल अवशेषो को खेतों मे कदापि न जलाये : उप कृषि निदेशक
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जौनपुर। किसान गेहूँ की कटाई के बाद बचे हुए अवशेषो को खेतो मे कदापि न
जलाए बल्कि जुताई करवाकर खेतो मे पलट दे तो खेतो मे जीवाश्म की मात्रा बढ़
जाने से लाभदायक शूक्ष्म जीवों की मात्रा बढ़ जाने से मृदा उर्वरता मे सुधार
होता है। उक्त बाते शुक्रवार को कृषि विज्ञान केन्द्र बक्शा मे आत्मा
योजनान्तर्गत आयोजित दो दिवसीय किसान प्रशिक्षण के उदघाटन के अवसर पर उप
कृषि निदेशक अशोक उपाध्याय ने कही। श्री उपाध्याय ने बताया कि खेतो मे फसल
अवशेषो के जलाने से मृदा उर्वरता मे गिरावट आ जाती है। कृषि वैज्ञानिक डा0
अनिल यादव ने मृदा परीक्षण तथा डा0 ए0 के0 सिंह ने ने नवीन बाग रोपण और
पुरानी बागों के पुनरुद्धार की तकनीकी जानकारी दी। किसानो को फसल सुरक्षा
के वैज्ञानिक डा0 संदीप ने ने फसल सुरक्षा मे जैविक तकनीक और कृषि
वैज्ञानिक डा0 नरेंद्र रघुवंशी ने पशुपालको से अधिक दुग्ध उत्तपादन की
तकनीक के साथ सन्तुलित राशन व टीकाकरण की जानकारी विस्तार से दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रगतिशील किसान धर्मेन्द्र सिंह तथा कुशल संचालन
कृषि तकनीकी सहायक डा0 रमेश चंद्र यादव ने किया। इस मौके पर त्रिभुवन सिंह ,
मोहन पटेल , ज्ञानेश्वर मिश्र , शिव कुमार सिंह , अजय सिंह , प्रमोद
उपाध्याय आदि किसान मौजूद रहे। अन्त मे उप परियोजना निदेशक आत्मा देवेन्द्र
पाण्डेय ने आगंतुकों का आभार ज्ञापित किया।