किसान का बेटा बना उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री
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मोबाईल फोन में गिरीश यादव को सपथ लेते देखती उनकी पत्नी और बच्चे |
गिरीश यादव का जन्म करंजाकला ब्लाक के समसपुर पनियरिया गांव के निवासी सवधू यादव के घर में दूसरे पुत्र के रूप में हुआ था। पिता किसान है वे खेती के सहारे ही गिरीश यादव सहित पांच बच्चो का पालन पोषण किया। पिता की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण गिरीश अपनी प्रतिभा के बल पर बीएससी बीएड और एलएलबी तक पढ़ाई पूरी करने के बाद वकालत को अपना पेशा बना लिया। वे शहर के अटाला मस्जिद के पास किराये पर एक छोटा सा मकान लेकर अपने बाल बच्चो के साथ रहते है। गिरीश को बचपन से ही राजनीति से लगाव रहा। वे भाजपा से जुड़कर एक छोटे कार्यकर्ता के रूप कार्य करते रहे। सन् 2005 के पंचायत चुनाव में गिरीश जिला पंचायत सदस्य चुने गये थे। उनकी कर्मठता को देखते हुए पार्टी ने पिछलेे वर्ष उन्हे जिलामंत्री पद की जिम्मेदारी दिया था। विधानसभा चुनाव में एक से बढ़कर एक नेताओ ने दावेदारी ठोकी थी। इसमें कई करोड़पति और उद्योगपति नेता थे। लेकिन पार्टी का शीर्ष नेतृत्व ने सभी को दरकिनार करते हुए जमीनी कार्यकर्ता गिरीश पर भरोसा करके मैदान में उतार दिया। गिरीश ने कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता व सदर विधायक नदीम जावेद को 12 हजार से अधिक मतो से हराकर यह सीट भाजपा की झोली में डाल दिया। आज उन पर एक बार फिर से भाजपा ने भरोसा करते हुए राज्यमंत्री की जिम्मेदारी सौप दिया है।
गिरीश को मंत्री बनाये जाने से जौनपुर के हर तबके लोग कह रहे है मेहनत जाया नही जाती। गिरीश की सफलता से उनका पूरा परिवार खुशी से फूले नही समा रहा है।