गांवों में मच्छरों से बचाव के लिए नहीं होती छिड़काव
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जौनपुर। जिले के गांवों में मच्छरों से बचाव के लिए छिड़काव व फागिग के लिए शासन धन उपलब्ध करा रहा है। यह एएनएम व ग्राम प्रधान की सहमति पर खर्च करना है, लेकिन किसी भी गांव में मच्छरों से बचाव के उपाय नहीं किए जा रहे हैं। मच्छरों का प्रकोप हर दिन बढ़ता जा रहा है। शासन द्वारा मच्छरजनित बीमारियों से बचाव के लिए गांवों में फागिग का मुकम्मल फरमान जारी होता है। इस मद में बाकायदा ग्राम प्रधान व क्षेत्रीय एएनएम के संयुक्त खाते में धन का आवंटन भी किया जाता है। बावजूद इसके क्षेत्र के किसी भी गांव में फा¨गग होते नहीं देखा जा रहा है। इससे मच्छरों का प्रकोप दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। गर्मी के इस मौसम में मच्छरों की संख्या हर रोज बढ़ रही है। हाल यह है कि शाम ढलते ही मच्छरों की तादाद बढ़ जा रही है। लोग दो दशक पूर्व की बातों को याद कर यह कहते सुने जा रहे हैं कि पहले बाकायदा विभागीय टीम द्वारा गांवों में घर-घर घूमकर दवाओं का छिड़काव होता था। इससे मच्छरों के साथ-साथ कई छोटे-छोटे कीड़े मकौड़े भी नियंत्रित रहते थे, लेकिन इधर मच्छररोधी दवाओं का छिड़काव करने वाली टीमें अब मात्र सपना बनकर रह गई है। विभागीय संरक्षण में इस मद में आने वाले धन का बंदरबांट कर लिया जा रहा है। वहीं इसे लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है।