अगले माह से बायोमैट्रिक मशीन से मिलेगा राशन
https://www.shirazehind.com/2017/06/blog-post_955.html
जौनपुर। जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में फर्जीवाड़ा पर अंकुश लगाने के लिए कोटे की दुकानों पर बायोमीट्रिक मशीनें लगाई गई हैं। जिले में नगरीय क्षेत्र दर्जनों मशीनें लगाई जा चुकी हैं। कोटेदारों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। जुलाई माह से इसे अमली जामा पहनाने की शुरुआत की जाएगी। हालांकि अभी ट्रायल के तौर पर इसे चलाया जाएगा, लेकिन आधारकार्ड से शत प्रतिशत राशन कार्ड ¨लक हो जाने के बाद कार्डधारक को खुद या परिवार का वही व्यक्ति राशन और तेल ले सकेगा जिसका नाम राशन कार्ड में होगा और उसका आधार कार्ड बना होगा। राशन की कालाबाजारी से निपटने के लिए अब बायोमीट्रिक मशीन का सहारा लिया जा रहा है। शुरुआत नगरीय क्षेत्रों से की जा रही है। हर राशन कार्ड को आधारकार्ड से लिक कराया जा रहा है। पूर्ति विभाग का दावा है कि नगरीय क्षेत्र में कोटेदारों की दुकानों पर बायोमीट्रिक लगवा दी गई है। जुलाई से जो राशन वितरण होगा उसमें मशीन का उपयोग किया जाएगा। शुरुआत में राशन कार्ड का नंबर मशीन में डाला जाएगा जिससे यूनिट का पता चल जाएगा और उसी के हिसाब से राशन वितरित किया जाएगा। जब सभी राशनकार्ड आधारकार्ड से लिक हो जाएंगे तो प्रक्रिया बदल दी जाएगी। जिले में राशनकार्ड को आधारकार्ड से जोड़ने की प्रक्रिया पहले से चल रही है। पूर्ति विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब तक 60 फीसद राशनकार्ड को आधारकार्ड से जोड़ा जा चुका है। अभी तीस फीसद को जोड़ना शेष रह गया है। यह काम शत-प्रतिशत हो जाने के बाद ही राशन वितरण में बायोमीट्रिक प्रक्रिया पूरी तरह से लागू की जा सकेगी।नई व्यवस्था में राशनकार्ड धारक को खुद या परिवार के उस सदस्य को राशन लेने जाना होगा जिसका नाम राशनकार्ड में होगा और उसका आधारकार्ड होगा। राशनकार्ड में नाम देखकर कोटेदार उसकी उंगली बायोमीट्रिक में लगवाएगा, सही मिलने पर ही उसे राशन मिलेगा।

