परिषदीय स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बनी चुनौती
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जौनपुर। परिषदीय स्कूलों स्कूल चलो अभियान के तहत बच्चों के नामांकन को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग ने भले ही कमर कस ली है। बावजूद इसके विभागीय अधिकारियों व शिक्षकों के लिए विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति एक गंभीर चुनौती है। मंगलवार को भी बच्चों की उपस्थिति काफी कम रही। इसको देखते हुए शैक्षणिक माहौल बनाने व बच्चों की संख्या में वृद्धि के लिए घर-घर संपर्क करने पर जोर दिया जा रहा है। पूरे माह इस पर अभियान चलाया जाएगा। इस समय धान की रोपाई का समय चल रहा है। अभिभावक बच्चों के रोपाई कार्य में सहयोग के लिए स्कूल न भेजने की बात कह रहे हैं। जुलाई में बच्चों की कम उपस्थिति रहेगी, लेकिन अगले माह से नामांकित बच्चों की संख्या बढ़ेगी। शिक्षक घर-घर जाकर संपर्क कर रहे हैं।स्कूलों में शिक्षण कार्य शुरू हो गया है, लेकिन नामांकन के सापेक्ष की बच्चों की कम मौजूदगी ने शिक्षकों की चिताओं को बढ़ा दिया है। किताबों की उपलब्धता भी अभी नगण्य है। जिले में बिना मान्यता के संचालित स्कूलों पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी मेहरबान हैं। अभी तक महज नोटिस देकर खानापूरी की गई है। यही वजह है कि जिले के 21 ब्लाकों में बिना मान्यता स्कूलों का संचालन जारी है। निजी स्कूल संचालकों ने बच्चों की उपस्थिति के लिए पूरा जोर लगा दिया है। बच्चों को घर से स्कूल तक ले आने व ले जाने के लिए गाड़ियों का इंतजाम भी कर रखा है। परिषदीय स्कूलों में मेन्यू के अनुसार मध्याह्न भोजन नहीं बन रहा है। एक जुलाई से स्कूल खुलने के बाद नाममात्र ही बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं। विभागीय लोगों की मानें तो कई स्कूलों में जिम्मेदारों की मिलीभगत से बच्चों की मौजूदगी कम होने के बावजूद अधिक संख्या दिखाकर एमडीएम के धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। कई स्कूलों ने रोटी सब्जी की बजाय चावल सब्जी का इंतजाम किया। कई जगहों पर तो एमडीएम बन ही नहीं रहा है।

