डाॅ0 शम्भूनाथ हिन्दी नवगीत के शलाका पुरूष थे : D.M
https://www.shirazehind.com/2017/08/0-dm.html
जौनपुर। सरजू प्रसाद शैक्षिक सामाजिक एवं
सांस्कृतिक संस्था द्वारा डाॅ0 शम्भुनाथ सिंह जन्मशती पर गोष्ठी एवं काव्य
संध्या का आयोजन जज कालोनी जौनपुर में किया गया जिसमें मुख्य अतिथि
जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र ने कहा कि डाॅ0 शम्भूनाथ हिन्दी नवगीत के
शलाका पुरूष थे। उनकी कविता में छन्दों की वापसी भारतीयता एवं राष्ट्रीयता
बोध को लौटाना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।मुझे खुशी है कि
जौनपुर के साहित्यकारों द्वारा उनकी जन्मशती के अवसर पर यहां कार्यक्रम का
आयोजन किया गया। सर्वज्ञराम मिश्र ने सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं नवगीत विधा
के उन्नायक कवि शम्भुनाथ सिंह के जन्मशती पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि
साहित्य भारतीय संस्कृति की दर्पण है और साहित्यकार हमेशा समाज को एक नई
दिशा देने का कार्य करता है। इस गोष्ठी से साहित्य जगत को नई दिशा मिलेगी
ऐसा मेरा विश्वास है।
कार्यक्रम
की अध्यक्षता करते हुए वारणसी मण्डल के अपर आयुक्त (प्रशासन) एवं वरिष्ठ
नवगीतकार ओम प्रकाश चैबे ‘‘ओम धीरज‘‘ ने कहा कि डाॅ0 शम्भुनाथ सिंह ने
नवगीत को एक आन्दोलन का रूप दिया जहां नई कविता मुक्त छन्द के रूप में
प्रतिष्ठित हो रही थी वहीं छन्दों की क्षति भी पहुंचायी जा रही थी। आज
छन्दों की वापसी का सारा श्रेय इस आन्दोलन को ही जाता है जिसकी शुरूआत
डाॅक्टर साहब ने किया था।
विशिष्ठ
अतिथि के रूप में दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार एवं गीतकार हिमांशु
उपाध्याय ने कहा कि आज के बदलते दौर में नवगीत ही है जो तथ्य और कथ्य की
कसौटी पर खरा उतरेगा। डाॅ0 शम्भुनाथ के नवगीत युग की पहचान ही नहीं करते
अपितु दौर का प्रतिनिधित्व भी करते है। ऐसे में उनके नवगीत हमेशा प्रासंगिक
रहेगे।
विषय
प्रवर्तन करते हुए मुख्य वक्ता प्रख्यात समीक्षक डाॅ0 इन्दीवर पाण्डेय ने
कहा कि डाॅ0 शम्भुनाथ की सबसे बड़ी देन है कि भारतीयता काव्य परम्परा की
लुप्त होती छन्द विधा को बचा लिया। नवगीत भारतीय काव्य परम्परा की अधुनातन
कड़ी है। डाॅ0 साहब ने पाश्चात्य गद्य कविता के समानान्तर नवगीत का प्रवर्तन
एवं उन्नयन किया। वस्तुतः नई कविता के प्रवर्तन में जो योगदान अज्ञेय का
है वही नवगीत के प्रवर्तन में डाॅ0 शम्भुनाथ सिंह का है।
गोष्ठी के प्रारम्भ में अतिथियों का स्वागत डा0 शम्भुनाथ सिंह रिसर्च
फाॅउण्डेशन के सचिव राजीव कुमार सिंह ने किया। संचालन सभाजीत
द्विवेदी‘‘प्रखर‘‘ ने किया। इस अवसर पर कैलाशनाथ समूह सम्पादक, डाॅ0
प्रेमचन्द्र विश्वकर्मा, प्रो.डाॅ. आर.एन.त्रिपाठी, अहमद निसार, आकिल
जौनपुरी, गिरीश श्रीवास्तव गिरीश, ओमप्रकाश मिश्रा, डा0 जनार्दन अस्थाना,
अरविन्द उपाध्याय,डाॅ. देवेश उपाध्याय, शायर अंसार, डाॅ0 राघवेन्दर सिंह,
इं0 बी.एन.श्रीवास्तव, अरविन्द शुक्ला,राजकुमार सिंह, सूचना अधिकारी
के.के.त्रिपाठी, मुन्नीलाल, एस.एन.पाण्डेय,जय प्रकाश मिश्र, विजय प्रकाश
मिश्र, प्रेम प्रकाश मिश्र आर.एन. श्रीवास्तव,लक्ष्मीनारायण यादव, निसार
अहमद इत्यादि लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम आयोजक संजय उपाध्याय ने सभी
आगन्तुकों का का आभार व्यक्त किया।