बच्चों में तेजी से बढ़ रहा बच्चों का कुपोषण
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जौनपुर। बरसात के समय जिले में कुपोषण का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। पौष्टिक आहार व उचित देखभाल के अभाव में बच्चे तेजी से इस बीमारी की चपेट में आते जा रहे हैं। पोषित बच्चों का इलाज करने के लिए जिला अस्पताल अस्पताल सहित अन्य निजी अस्पतालों दर्जनों बच्चे भर्ती किए जा चुके हैं। ऐसे में अभिभावकों द्वारा की जाने वाली थोड़ी सी लापरवाही बच्चों के लिए मुसीबत बन रही है। अशिक्षा व संसाधनों के अभाव में दो से आठ साल तक के बच्चों को शरीर के लिए आवश्यक तत्व नहीं मिलता है। इससे वह कुपोषित हो रहे हैं। कुपोषण पहले बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास को प्रभावित करता है लेकिन पर समय पर इलाज न मिलने से बच्चों की मौत भी हो जाती है। पिछले एक महीने से जिले में कुपोषण का प्रकोप बढ़ रहा है। अब तक इससे प्रभावित एक दर्जन बच्चों को भर्ती कर उनका इलाज किया जा चुका है। बच्चों के चिकित्सक कहते हैं कि अभिभावकों को इस बीमारी के प्रति सचेत रहना चहिए। बच्चों में कुपोषण के लक्ष्ण दिखने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क कर उनका इलाज कराना चाहिए। कुपोषण की पहली पहचान बच्चों का बार-बार बीमार होना। इसके अलावा शारीरिक व मानसिक विकास न होना, वजन न बढ़ना, बच्चे का सुस्त रहना, भूख न लगना आदि इसी बीमारी के लक्षण है।