मनरेगा में चल रहा लाखों का बंदरबांट
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जौनपुर। सरकार ने मनरेगा योजना इसलिए चलाई थी कि ग्रामीणों को अपने गांव में रोजगार मिले और पलायन रुके, लेकिन यह योजना अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है । यह योजना मजदूरों को कम तथा प्रधान और अधिकारियों को सोने का अंडा देने वाली मुर्गी साबित हो रही है। विकासखंड रामनगर के ग्राम पंचायत कसियाव में इन दिनों मनरेगा के भुगतान में धांधली का खेल चल रहा है। ग्राम पंचायत कसियाव के सदस्यों का आरोप है कि प्रधान और पंचायत कर्मचारी की मिलीभगत से फर्जी भुगतान हो रहा है । शिकायतों के बाद भी अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि मड़ियाहूं तहसील के सभी विकासखंडो में सबसे ज्यादा लूट पाट मनरेगा के तहत कराए गए कार्यों जैसे खेतों की मेडबंदी और समतलीकरण व तालाबों की खुदाई व सफाई यानी पुनर्निर्माण में भारी घोटाला सामने आया है। खेतों की मेडबंदी व समतलीकरण में प्रधानों द्वारा खेत की मेड़बंदी में जहां 2000 का कार्य कराया गया वहां 40 से 50 हजार का भुगतान निकाल लिया गया। तालाबों को पुनर्निर्माण पर 10 से 20 हजार खर्च कर लाखों रुपए निकाल लिया गया। ग्राम पंचायत कसियांव में जलालउद्दीन पुर में स्थित तालाब पुनर्निर्माण में वर्ष 2016 -17 में मास्टर रोल संख्या 451,452 ,920 ,921 ,922, 923, 1199 ,2411 ,11220, 401, 402 ,से कूल 307801 रुपए का कार्य होना दिखाया गया है ,जबकि वहा ग्रामीणों के अनुसार मात्र 10 से 15 हजार रुपए की मिट्टी निकाली गई है। इसी प्रकार कसियाव में स्थित राधेश्याम सिंह के घर के सामने स्थित तालाब पर पुनर्निर्माण में 2017 --18 में मास्टर रोल संख्या 353, 354 ,355 ,356, 824 ,825 ,826, 827 से 277900 रूपय का कार्य कराना दिखा कर निकाला गया है जो गलत है। वहां सिर्फ 15 से 20 हजार का कार्य कराया गया है । ज्ञात हो कि उक्त तालाब पर पूर्व में भी तालाब का नाम बदलकर बेन बंसी एंड ठाकुर बस्ती के बीच तालाब पुनर्निर्माण दिखाकर लाखों रुपए का वारा-न्यारा किया जा चुका है ।