पुलिस अधीक्षक ने क्राइम मीटिंग में दिया मातहतों को निर्देश
https://www.shirazehind.com/2017/09/blog-post_579.html
मिर्जापुर। पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी ने पुलिस लाईन स्थित मनोरंजन कक्ष में क्राइम मीटिंग के दौरान कानून-व्यवस्था की समीक्षा की। अपराध गोष्ठी एवं सैनिक सम्मेलन के आयोजन के क्रम में जिला शासकीय अधिवक्ता द्वारा पुलिसकर्मियों को न्यायालय में गवाहों की पेशी कराने एवं विवेचकों को विवेचनाओं के मामलों के निस्तारण के विषय में आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। बताया गया कि जमानत अर्जी में लगायी जाने वाली रिपोर्ट में सम्बन्धित का आपराधिक इतिहास अवश्य अंकित हो। फर्द बरामदगी व अभियुक्तों की गिरफ्तारी के सम्बन्ध में गवाहों के नाम-पता के साथ ही मोबाईल नम्बर अंकित किये जाये। गवाहों को बुलाने में न्यायालय, विवेचेक, पैरवीकार को परेशानी का सामना न करना पड़े। पोस्टमार्टम रिपोर्ट, मेडिकल रिपोर्ट, सप्लीमेन्ट्री रिपोर्ट में चिकित्सकों के नाम अंकित कर मोबाईल नम्बर भी डाला जाय। पुलिस अधीक्षक ने समस्त थाना प्रभारियो को निर्देशित किया गया कि निस्तारण योग्य मामलों को चिन्हित कर सप्ताह में निस्तारण कर कार्यवाही की आख्या प्रेषित करेंगे। साथ ही कोर्ट मानिटरिंग सिस्टम की समीक्षा की गयी तो न्यायालय द्वारा गवाही हेतु बुलाये गये गवाहों में से काफी कम संख्या में गवाहों को न्यायालय में पेश कराने के सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक ने नाराजगी जाहिर की। कहा गया कि मुकदमों के समयबद्ध निस्तारण हेतु न्यायालय द्वारा बुलाये गये गवाहों की अधिक संख्या में पेशी कर उनकी गवाही करायें, जिससे मुकदमों के निस्तारण एवं अपराधियों को सजा दिलाये जाने की कार्यवाही की जा सके।
बैठक में सभी क्षेत्राधिकारी व थाना प्रभारी मौजूद रहे।
बैठक में सभी क्षेत्राधिकारी व थाना प्रभारी मौजूद रहे।