अपनी छाप नही छोड़ पाये डीएम सर्वज्ञराम मिश्रा
https://www.shirazehind.com/2017/12/blog-post_110.html
जौनपुर। योगी सरकार बनने के बाद आईएएस अफसरो के तबादले की पहली लिस्ट 19 मई को जारी हुई थी। इस सूची में जौनपुर के डीएम डा0 बलकार सिंह को हटाकर नये जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्रा को तैनात किया गया था। सर्वज्ञराम मिश्रा अपने करीब सात माह के कार्यकाल में कुछ ऐसा नही कर पाये कि जिसकी छाप जिले में दिखाई दे सके।
चुनाव से पहले जिले में तीन बड़ी परियोजनाओ समेत कई विकास कार्यो के पहिए काफी धीमी हो गयी। जिसके कारण जिले की जनता को दुश्वारिया झेलना पड़ रहा है।
मालूम हो कि सपा सरकार में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राजकीय मेडिकल कालेज की सौगात जिले को दिया था। मेडिकल कालेज के निर्माण कार्य गति चुनाव से पहले ठीक चल रहा था। सत्ता परिर्वतन के बाद मेडिकल कालेज का काम काफी धीमी गति हो रहा है। यही हाल रोडवेज के नये भवन का है। सिटी स्टेशन के पास बन रहा ओवर ब्रिज का निर्माण भी कच्छप गति से चल रहा है। इस तरफ डीएम सर्वज्ञराम कोई खास दिलचस्पी नही दिखाई । सर्वज्ञराम से पहले डीएम भानुचंद्र गोस्वामी की इन कार्यो पर पैनी निगाह रहती थी। वे आये दिन इन कार्यो का स्थलीय निरीक्षण करने के साथ समीक्षा भी करते थे। जिसके कारण कार्यदायी संस्था हमेशा चैकन्नी रहती थी। इन तीनो बड़े कार्यो के अलावा नगर चल रहे चौड़ी करण का काम भी ठप सा हो गया है। हालत यह है कि अशोक टाकीज के सामने से लेकर जोगियापुर पुल तक सड़क तोड़कर छोड़ दिया गया है। जिसके कारण इस व्यस्तम सड़क से गुजरने वालो को धूल से जंग करते हुए यात्रा करना पड़ रहा है। ऐसे ही कई विकास कार्यो पर ग्रहण लग गया है।
भानुचंद्र गोस्वामी से पहले यहां के डीएम रहे सुहास एलवाई ने शहर की सड़को चौड़ी करण और सुन्दरी करण का कार्य शुरू कराया था। अभी आधा विकास कार्य हुआ ही था इसी बीच उनका तबादला आजमगढ़ जिले के लिए हो गया था। उस जिले की जनता को लगा शायद अब हमारे नगर की सूरत नही बदल पायेगी लेकिन भानुचंद्र गोस्वामी तो सुहास से भी तेज निकले वे नगर के अलावा जिले कई नगर पंचायतो की सूरत बदलने का प्रयास किया। नगर की सूरत बदलने के लिए डीएम सुहास एलवाई और भानुचंद्र गोस्वामी को जिले की जनता याद करती है।
चुनाव से पहले जिले में तीन बड़ी परियोजनाओ समेत कई विकास कार्यो के पहिए काफी धीमी हो गयी। जिसके कारण जिले की जनता को दुश्वारिया झेलना पड़ रहा है।
मालूम हो कि सपा सरकार में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राजकीय मेडिकल कालेज की सौगात जिले को दिया था। मेडिकल कालेज के निर्माण कार्य गति चुनाव से पहले ठीक चल रहा था। सत्ता परिर्वतन के बाद मेडिकल कालेज का काम काफी धीमी गति हो रहा है। यही हाल रोडवेज के नये भवन का है। सिटी स्टेशन के पास बन रहा ओवर ब्रिज का निर्माण भी कच्छप गति से चल रहा है। इस तरफ डीएम सर्वज्ञराम कोई खास दिलचस्पी नही दिखाई । सर्वज्ञराम से पहले डीएम भानुचंद्र गोस्वामी की इन कार्यो पर पैनी निगाह रहती थी। वे आये दिन इन कार्यो का स्थलीय निरीक्षण करने के साथ समीक्षा भी करते थे। जिसके कारण कार्यदायी संस्था हमेशा चैकन्नी रहती थी। इन तीनो बड़े कार्यो के अलावा नगर चल रहे चौड़ी करण का काम भी ठप सा हो गया है। हालत यह है कि अशोक टाकीज के सामने से लेकर जोगियापुर पुल तक सड़क तोड़कर छोड़ दिया गया है। जिसके कारण इस व्यस्तम सड़क से गुजरने वालो को धूल से जंग करते हुए यात्रा करना पड़ रहा है। ऐसे ही कई विकास कार्यो पर ग्रहण लग गया है।
भानुचंद्र गोस्वामी से पहले यहां के डीएम रहे सुहास एलवाई ने शहर की सड़को चौड़ी करण और सुन्दरी करण का कार्य शुरू कराया था। अभी आधा विकास कार्य हुआ ही था इसी बीच उनका तबादला आजमगढ़ जिले के लिए हो गया था। उस जिले की जनता को लगा शायद अब हमारे नगर की सूरत नही बदल पायेगी लेकिन भानुचंद्र गोस्वामी तो सुहास से भी तेज निकले वे नगर के अलावा जिले कई नगर पंचायतो की सूरत बदलने का प्रयास किया। नगर की सूरत बदलने के लिए डीएम सुहास एलवाई और भानुचंद्र गोस्वामी को जिले की जनता याद करती है।