'फूलपुर का उपचुनाव लड़ेंगी मायावती, लेकिन बीएसपी के सिंबल पर नहीं'
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इलाहाबाद। यह पढ़कर आप चौंक गए होंगे। हालांकि इसमें झूठ कुछ भी नहीं है। कुमारी मायावती फूलपुर लोकसभा का उपचुनाव लड़ने का मन बना चुकी हैं और उन्होंने इसकी तैयारी भी ज़ोर -शोर से शुरू कर दी है। हालांकि यह मायावती यूपी की पूर्व सीएम और बीएसपी सुप्रीमो नहीं, बल्कि चौधरी अजीत सिंह की पार्टी आरएलडी की नेता है।
उसका नाम मायावती है। वह दलित की बेटी है। उसे लोग बहन जी कहकर बुलाते हैं। सियासत उसकी रग - रग में बसी हुई है। अपने विरोधियों पर तीखे अंदाज़ में सियासी हमला बोलना उसकी आदत में शुमार है। उसने अभी तक शादी नहीं की है और अपने नाम के साथ सुश्री लगाना पसंद करती है। बरसों के संघर्ष के बाद उसे राजनीति में एक अलग मुकाम हासिल हुआ है।
इलाहाबाद की फूलपुर सीट पर जल्द होने वाला लोकसभा का उपचुनाव उसके लिए बेहद अहम है। उसकी अपनी अलग सियासी पहचान है, फिर भी वह इस चुनाव में ऐसी कामयाबी चाहती है कि उसका नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाए। दूसरे चुनाव तो उसने लड़े हैं, लेकिन लोकसभा उप चुनाव में वह पहली बार किस्मत आजमाने जा रही है। उसने इसके लिए इलाहाबाद की फूलपुर लोकसभा सीट को चुना है। उसका मानना है कि बीजेपी का विजयरथ रोकने के लिए उसका चुनाव लड़ना बेहद जरूरी है।
फूलपुर वह सीट है जहां से देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू से लेकर वीपी सिंह और विजय लक्ष्मी पंडित से लेकर बाहुबली अतीक अहमद जैसी चर्चित हस्तियां सांसद रह चुकी हैं। हालांकि इसी फूलपुर में डा० लोहिया से लेकर बीएसपी संस्थापक कांशीराम को करारी हार का भी सामना करना पड़ा है। डिप्टी सीएम केशव मौर्य के इस्तीफे से खाली हुई फूलपुर की सीट को बीजेपी ने अपनी नाक का सवाल बना रखा है तो विपक्ष यहां अपनी एकजुटता के जरिए 2019 के आम चुनावों के लिए सियासी संदेश देने की तैयारी में है, लेकिन मायावती इस सीट पर न सिर्फ बीजेपी के खिलाफ लड़ेंगी बल्कि वह बीएसपी को भी करारी मात देने के संकल्प के साथ मैदान में उतरने की तैयारी में है। उसका मानना है कि बीएसपी जाति के आधार पर लोगों को बांटने का काम करती है, लिहाजा ऐसी पार्टी को धूल चटाकर जनता से जुड़े जरूरी मुद्दों पर ही वह चुनाव लड़ेंगी।
इलाहाबाद की फूलपुर सीट पर जल्द होने वाला लोकसभा का उपचुनाव उसके लिए बेहद अहम है। उसकी अपनी अलग सियासी पहचान है, फिर भी वह इस चुनाव में ऐसी कामयाबी चाहती है कि उसका नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाए। दूसरे चुनाव तो उसने लड़े हैं, लेकिन लोकसभा उप चुनाव में वह पहली बार किस्मत आजमाने जा रही है। उसने इसके लिए इलाहाबाद की फूलपुर लोकसभा सीट को चुना है। उसका मानना है कि बीजेपी का विजयरथ रोकने के लिए उसका चुनाव लड़ना बेहद जरूरी है।
फूलपुर वह सीट है जहां से देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू से लेकर वीपी सिंह और विजय लक्ष्मी पंडित से लेकर बाहुबली अतीक अहमद जैसी चर्चित हस्तियां सांसद रह चुकी हैं। हालांकि इसी फूलपुर में डा० लोहिया से लेकर बीएसपी संस्थापक कांशीराम को करारी हार का भी सामना करना पड़ा है। डिप्टी सीएम केशव मौर्य के इस्तीफे से खाली हुई फूलपुर की सीट को बीजेपी ने अपनी नाक का सवाल बना रखा है तो विपक्ष यहां अपनी एकजुटता के जरिए 2019 के आम चुनावों के लिए सियासी संदेश देने की तैयारी में है, लेकिन मायावती इस सीट पर न सिर्फ बीजेपी के खिलाफ लड़ेंगी बल्कि वह बीएसपी को भी करारी मात देने के संकल्प के साथ मैदान में उतरने की तैयारी में है। उसका मानना है कि बीएसपी जाति के आधार पर लोगों को बांटने का काम करती है, लिहाजा ऐसी पार्टी को धूल चटाकर जनता से जुड़े जरूरी मुद्दों पर ही वह चुनाव लड़ेंगी।