उषा मौर्या ने किया कड़ा रूख अख्तियार, पीएम और सीएम को भेजा पत्र , बोली की जा रही है मेरी और मेरे परिवार की हत्या की साजिश

जौनपुर। सिर पर कफन बांधकर सपा सरकार के मंत्री से अपनी जमीन वापस लेने वाली उषा मौर्या नारी सशक्तिकरण का प्रतीक बन चुकी है। उषा और उसकी बेटी उजाला ने प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपनी जान माल की रक्षा की गुहार लगाते हुए मांग किया है कि मंत्री और उनके पुत्रो के नाम की आय से अधिक सम्पत्ति की जांच करायी जाय और ओम कोल्ड स्टोरेज स्टैम्प घोटाला, रामदासपुर नेवादा में भीटा व तलाब का अस्तित्व मिटाकर कब्जा करने के मामले पर कार्यवाही की मांग की है । साथ ही मंत्री द्वारा स्टिगं आपरेशन में मेरी जमीन कब्जा करने की बात कबूल किये गये मामले पर कार्यवाही मांग किया है। इतना ही नही पांच वर्षो तक महिला उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करने मंत्री और उनके पुत्र पर कानूनी कार्यवाही की मांग भी की है।
सपा सरकार में जमीन व इज्जत बचाने के लिए दर दर की ठोकरे खा रही उषा मौर्या और उजाला मौर्या को बीजेपी सरकार बनते ही प्रशासन ने एण्टी भू माफिया टीम के तहत जांच कराकर सपा सरकार में ही पारित न्यायालय के आदेश का विधिपूर्वक जमीन पर अनुपालन करा दिया है। पूर्ण रूप से अपनी जमीन वापस पा चुकी उषा मौर्या और उजाला मौर्या जहां बीजेपी सरकार देश के न्यायप्रिय नागरिको एवं मीडिया का आभार व्यक्त कर रही है वही दूसरी तरफ पारसनाथ व उनके पुत्र लकी यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिलीप कुमार के नाम से रिट 35453 दिनांक 8 अगस्त 2017 को शासन से लेकर प्रशासन तक के 12 लोगो को पार्टी बनाते हुए मा0 उच्च न्यायालय में दाखिल किया। मा0 न्यायालय में उषा मौर्या के अधिवक्ता उमेश वत्स ने न्यायालय में उषा का मजबूती से पक्ष रखते हुए बहस करते हुए सारी सच्चाई से कोर्ट को अवगत करा दिया था। डबल बेंच की कोर्ट नम्बर 29 में चली सुनवाई में न्यायमूर्ति तरूण अग्रवाल और न्यायमूर्ति अजय कुमार भनौत ने सुनवाई करते प्रशासन के द्वारा उषा मौर्या को दिलाये गये कब्जे की सही ठहराते हुए 7 नवम्बर 2017 को विधिवत 11 पृष्ठ का आदेश पारित करते हुए याचिका को खरिज कर दी। इन्ही लोगो ने इस फैसले के खिलाफ मा0 सर्वोच्च न्यायालय में दिलीप कुमार के नाम से एसएलपी नम्बर 40/2018 दिनांक 7 दिसम्बर 2018 दाखिल किया। मा0 सर्वोच्च न्यायालय में अधिवक्ता सत्यमित्र ने उषा मौर्या का पक्ष पूरी दमदारी से रखते हुए बहस किया। सारी सच्चाई जानने के बाद न्यायमूर्ति जे0 चेलामेश्वर और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की बेंच ने पहली ही सुनवाई पर ही याजिका खारिज कर दी।
उषा मौर्या ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर गुहार लगायी है कि उच्च न्यायलय एवं सर्वोच्च न्यायालय से करारी हार के बाद सपा सरकार के पूर्व मंत्री और उनके पुत्र मेरी और मेरे परिवार की हत्या कराकर पुनः जमीन पर काबिज होने की साजिश रच रहे है। जिसकी भनक लगते ही उषा ने शासन से लेकर प्रशासन तक प्रार्थना पत्र देकर मंत्री और उनके पुत्रो के नाम आय से अधिक सम्पत्ति, बेनामी सम्पत्ति ,ओम कोल्ड स्टोरेज स्टैम्प घोटाला, रामदासपुर नेवादा में भीटा व तलाब का अस्तित्व मिटाकर कब्जा करने के मामले पर कार्यवाही करने की मांग की है । साथ ही मंत्री द्वारा स्टिगं आपरेशन में मेरी जमीन कब्जा करने की बात कबूल किये गये मामले पर कार्यवाही की मांग किया है। इतना ही नही पांच वर्षो तक महिला उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करने मंत्री और उनके पुत्र पर कानूनी कार्यवाही की मांग भी की है।

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