नये शिक्षा सत्र में खाली हाथ होगें बच्चे
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जौनपुर। दो अप्रैल को नए शिक्षा सत्र में स्कूल खुलेंगे। प्रवेश उत्सव के कार्यक्रम होंगे। बच्चों का दाखिला होगा लेकिन पढ़ने के लिए छात्रों के पास किताबें नहीं होंगी। निश्शुल्क पाठ्य पुस्तकें कब मिलेंगी? यह भी अधिकारी नहीं बता पा रहे हैं क्योंकि निदेशालय स्तर से क्रयादेश नहीं जारी किया गया है। अधिकारियों की लापरवाही परिषदीय स्कूलों के छात्रों को बेहतर शिक्षा देने में बाधा बन रही है। होशियार अफसरों ने इसकी जिम्मेदारी गुरुजी पर छोड़ दी है। छात्रों से पुरानी किताबों की वसूली करके उससे नए छात्रों को पढ़ाने का आदेश दिया है। अब शिक्षक किताब जुटाने को लेकर परेशान हैं। बेसिक शिक्षा विभाग का शिक्षा सत्र वर्ष 2018-19 सोमवार से प्रारंभ होगा। नए सत्र में छात्रों को पढ़ाने के लिए किताबों की व्यवस्था अब तक नहीं हो सकी है। आलम यह कि नए सत्र में पाठ्यक्रम निर्धारण को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। किताबों के मुद्रण व प्रकाशन को लेकर अफसर मौन हैं। ऐसे में सवालों से बचने के लिए शिक्षा निदेशक बेसिक डॉ. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिह ने अध्यापकों को पुरानी किताबों से कक्षा एक से आठ तक के छात्रों को पढ़ाने का निर्देश दिया है जबकि सब जानते ही नौनिहाल छात्र किताबों को सुरक्षित नहीं रहने देते हैं। बीएसए का कहना है कि निदेशक के आदेश से खंड शिक्षा अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। पुरानी किताबों से पढ़ाई होगी। इस बार छात्रों को किताब मिलने में देरी नहीं होगी।