निजीकरण का प्रस्ताव वापस नहीं हुआ तो बेमियादी हड़ताल को बाध्य होंगे
https://www.shirazehind.com/2018/03/blog-post_221.html
जौनपुर। विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति ने निजीकरण के विरोध में मंगलवार को कार्य बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन किया। सरकार विरोधी नारे लगाए। हाइडिल परिसर में धरना सभा करके चेतावनी दी कि यदि निजीकरण का प्रस्ताव वापस नहीं हुआ तो बेमियादी हड़ताल को बाध्य होंगे। आंदोलन को कई संगठनों ने समर्थन दिया।
संघर्ष समिति के प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर विद्युत कर्मियों ने कार्य बहिष्कार कर धरना दिया। वक्ताओं ने कहा कि विभाग के कर्मचारी दिन-रात कड़ी मेहनत से सरकार द्वारा संचालित योजनाओं में बढ़-चढ़कर सहभागिता कर रहे हैं। ऊर्जा मंत्री ने कई बार सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। सूबे में अच्छी वसूली व जनता को बेहतर सेवा देने के बाद भी तानाशाही रवैया अपनाते हुए सात जनपदों व पांच महानगरों में निजीकरण का फैसला लिया गया है। यह न तो जनता के हित में और न ही कर्मचारियों के हित में है। व्यापार मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष इंद्रभान सिंह इंदू, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष राकेश श्रीवास्तव, राज्य कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुमार सिंह , कलेक्ट्रेट अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष विजय प्रताप सिंह , दीवानी न्यायालय अधिवक्ता संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्यामल कांत श्रीवास्तव, पूर्व मंत्री कामरेड जय प्रकाश, आंगनबाड़ी संघ की जिलाध्यक्ष सरिता सिंह , आदि ने धरना सभा को संबोधित करते हुए आंदोलन को समर्थन दिया। अध्यक्षता ई.एके मिश्रा तथा संचालन विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक निखिलेश सिंह ने किया। ई. राम अधार, एके गुप्ता, बीबी ¨सह, विनोद कुमार गुप्ता, एसके सनोरिया, अभिषेक कुमार श्रीवास्तव, हरीश प्रजापति, राज कुमार, प्रदीप, महावीर सिंह , पुष्कर श्रीवास्तव, अश्वनी श्रीवास्तव, हेमंत श्रीवास्तव, तिलकधारी यादव आदि रहे।