स्थगनादेश के बावजूद रास्ता बनवाने से न्यायालय नाराज, डीएम से मांगी गयी रिपोर्ट
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जौनपुर।
मछलीशहर नगर के पूर्वी छोर पर निर्माणाधीन बख्शी इण्टरनेशनल स्कूल के
प्रबन्धक द्वारा तालाब की भूमि में से रास्ता बनाने का मामला तूल पकड़ता जा
रहा है। मामले में उच्च न्यायालय द्वारा स्थगनादेश होने के बावजूद भी
रास्ते का निर्माण किये जाने का आरोप लगाते हुये भाजपा नेताओं व सर्वगूंज
फाउण्डेशन के विरोध करने पर तहसीलदार ने जेसीबी लगाकर खुदाई करवा दी थी
किन्तु विद्यालय के प्रबन्धक द्वारा पुनः गड्ढे को पाटकर रास्ता बनाया गया।
जब मामले की रिपोर्ट प्रशासन ने उच्च न्यायालय को सौंपी तो न्यायालय ने
जिलाधिकारी को निरीक्षण कर स्वयं रिपोर्ट देने को कहा है। बता दें कि
स्थानीय नगर के पूर्वी छोर पर स्थित जमीन पर बख्शी इण्टरनेशनल स्कूल का
उद्घाटन बीते 11 मार्च को उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश द्वारा किया गया।
रायबरेली-जौनपुर मार्ग पर स्थित उक्त जूमीन पर पहुचने के लिये रास्ता नहीं
है। स्कूल निर्माण स्थल व सड़क के बीच तालाब खाते की जमीन है जो नाले की
शक्ल में मौजूद थी। उसी जमीन को लेकर विवाद उच्च न्यायालय में लम्बित है
जिसमें स्थगनादेश पारित है। क्षेत्र के भाजपा नेताओं सहित सर्वगूंज
फाउण्डेशन का आरोप है कि न्यायालय के आदेश का उल्लंघन कर तालाब की भूमि पर
रास्ता बनाया गया है। आरोप को संज्ञान में लेते हुये बीते 12 अप्रैल को
तहसील प्रशासन ने रास्ते की खुदाई करवाकर नाले में तब्दील करवा दिया। इसके
बाद पुनः विद्यालय के लोगों ने गड्ढे को पाटकर रास्ते का निर्माण कर लिया।
तब मामले की रिपोर्ट स्थानीय नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी और सर्वगूंज
फाउण्डेशन के प्रबन्धक आलोक विश्वकर्मा द्वारा उच्च न्यायालय को दी गयी।
न्यायालय ने स्थगनादेश के बावजूद कार्य करने के मामले को गम्भीरता से लेते
हुये जिलाधिकारी से स्वयं जांच करते हुये 23 मई तक रिपोर्ट न्यायालय में
प्रस्तुत करने का आदेश जारी किया है। इस प्रकार रास्ते का उक्त प्रकरण अब
तूल पकड़ता जा रहा है जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है।