वरासत के नाम पर किसानों से वसूली

जौनपुर। जिले के सभी तहसीलों में मृतक किसानों की जगह खेतों के कागजातों में उनके आश्रितों का नाम चढ़ाने (वरासत) के नाम पर लूट मची है। किसानों का आरोप है कि बिना पैसा लिए लेखपाल व राजस्व निरीक्षक वरासत नहीं कर रहे हैं। जिन लोगों ने पैसे नहीं दिए उनका वरासत कई साल से नहीं हो पाया है। मृतकों का नाम खसरा-खतौनी में चल रहा है जबकि लेखपालों व राजस्व निरीक्षक की जिम्मेदारी है कि वे गांव में जाकर चैपाल लगाए व मृतक के आश्रितों का नाम उनके खेत के कागजातों पर चढ़ा दे। जबकि ऐसा किसी तहसील में नहीं हो रहा है। चढ़ावा देने के बाद दर्जनों बार लेखपाल व कानूनगो के दरबार में हाजिरी लगानी पड़ती है तब जाकर हो पाता है वरासत। प्रत्येक तहसील क्षेत्र के विभिन्न गांवों के कम से कम एक हजार मामले ऐसे हैं जिनमें वर्षो से वरासत नहीं हो पाई है। तहसीलदार   ने बताया कि उन्हें इस तरह की शिकायत नहीं मिली है। अगर किसी की वरासत बाकी है तो वह सादे कागज पर लिखकर आवेदन पत्र दे, वह जांच कराकर उसे करा देंगे। पैसा मांगने की शिकायत जांच में सही मिली तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।

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