वकीलों ने न्यायालयों में जड़े ताले, की नारेबाजी
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जौनपुर। अधिवक्ताओं ने शनिवार को हंगामा व नारेबाजी करते हुए
मछलीशहर तहसील परिसर में सभी अदालतों व कार्यालयों में तालाबंदी कर न्यायिक कामकाज
का बहिष्कार किया। प्रदर्शनकारी अधिवक्ता तहसील में भ्रष्टाचार व
अधिकारियों के गैरहाजिर रहने से जनता की समस्याओं का निस्तारण न होने का
आरोप लगा रहे थे।
तहसील अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र सिन्हा के नेतृत्व में भारी संख्या में अधिवक्ताओं ने जुलूस निकालकर नारेबाजी की और मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया। उन्होंने सभी न्यायालयों और कार्यालयों में भी तालाबंदी कर दी। हंगामा कर रहे अधिवक्ता आरोप लगा रहे थे कि अक्सर अधिकारियों के अनुपस्थित रहने से सुदूर गांवों से आई जनता की शिकायतों व वादकारियों के वादों का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। उप निबंधक कार्यालय से लेकर राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है। राजस्व निरीक्षक, लेखपाल भूमि पैमाइश के लिए खुलेआम पांच से दस हजार रुपये सुविधा शुल्क की मांग करते हैं। अन्य कार्यालयों में बिना सुविधा शुल्क कोई भी कार्य नहीं होता। बैनामों में रजिस्ट्री आफिस में एक से दो प्रतिशत दाखिला के नाम पर खुलेआम लूट मची है। इस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो अधिवक्ता अनिश्चित कालीन हड़ताल करेंगे। अधिवक्ता संघ अध्यक्ष की दूरभाष पर जिलाधिकारी से वार्ता हुई तब जाकर अधिवक्ताओं का आक्रोश शांत हुआ। जिलाधिकारी ने सभी समस्याओं के निस्तारण व तहसील में पूर्णकालीन एसडीएम की नियुक्ति का आश्वासन दिया।
तहसील अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र सिन्हा के नेतृत्व में भारी संख्या में अधिवक्ताओं ने जुलूस निकालकर नारेबाजी की और मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया। उन्होंने सभी न्यायालयों और कार्यालयों में भी तालाबंदी कर दी। हंगामा कर रहे अधिवक्ता आरोप लगा रहे थे कि अक्सर अधिकारियों के अनुपस्थित रहने से सुदूर गांवों से आई जनता की शिकायतों व वादकारियों के वादों का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। उप निबंधक कार्यालय से लेकर राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है। राजस्व निरीक्षक, लेखपाल भूमि पैमाइश के लिए खुलेआम पांच से दस हजार रुपये सुविधा शुल्क की मांग करते हैं। अन्य कार्यालयों में बिना सुविधा शुल्क कोई भी कार्य नहीं होता। बैनामों में रजिस्ट्री आफिस में एक से दो प्रतिशत दाखिला के नाम पर खुलेआम लूट मची है। इस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो अधिवक्ता अनिश्चित कालीन हड़ताल करेंगे। अधिवक्ता संघ अध्यक्ष की दूरभाष पर जिलाधिकारी से वार्ता हुई तब जाकर अधिवक्ताओं का आक्रोश शांत हुआ। जिलाधिकारी ने सभी समस्याओं के निस्तारण व तहसील में पूर्णकालीन एसडीएम की नियुक्ति का आश्वासन दिया।