पशुपालन विभाग में मनमानी का आलम
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जौनपुर । पशुपालन बिभाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं ठेकेदारों के बन्दरबाट के चलते युवाओं का परिवार भुखमरी के कगार पर आ गया है। मनमानी का आलम यह है कि पांच महीने के बीतने के बाद पहले महीने का बेतन प्राप्त होता हैं। ड्राइवर के पद पर दो वर्ष सेवा देने के बाद इनको मनमाने तरीके से निकाल दिया जाता हैं और टेंडर की आड़ में नई नियुक्ति के नाम पर धन वसूलने का खेल शुरू हो जाता है। अगर फरियादी अधिकारियों के पास पहुंच जाता है तो डांट डपट कर भगा दिया जाता है। उक्त शिकायत पशुपालन विभाग के मंत्री तक पहुँच गयी है, दिलचस्प बात यह है सबका साथ सबका विकास करने वाली सरकार के मंत्री इस मनमानी और लूटपाट पर क्या फैसला लेते है यह भविष्य के गर्भ में है।