गायब हो गये स्कूलों के अग्निशमन यंत्र
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जौनपुर । जिले के परिषदीय स्कूलों में आग पर काबू पाने के लिए अग्निशमन यंत्रों की खरीद अधिकांश जगह कागजों पर ही हो गई। जिन स्कूलों में यंत्र खरीदे भी गए, उनकी रीफिलिग व सुरक्षा मानकों की जांच नहीं हुई। चालू सत्र में सभी स्कूलों में मध्याह्न भोजन के लिए रसोई गैस सिलिडर का कनेक्शन दिया गया है। जिससे लापरवाही होने पर आग लगने की प्रबल संभावना रहती है। विद्यालय विकास अनुदान के तहत खरीदे जाने वाले अग्निशमन यंत्रों की जांच करना जिम्मेदारों ने मुनासिब नहीं समझा। कितने स्कूलों में अग्निशमन यंत्र कब खरीदे गए, इसका जवाब विभागीय अफसरों के पास नहीं है। ऐसे में नौनिहालों की सुरक्षा भगवान भरोसे है। जिले के हजारो प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय हैं। विद्यालय विकास अनुदान के तहत प्राथमिक में पांच हजार व उच्च प्राथमिक में सात हजार रुपये का बजट एसएमसी के खातों में भेजा गया। अधिकांश स्कूलों में कागजों में खरीद दिखाकर बजट का बंदरबांट कर लिया गया। जिससे यहां आग लगने पर नौनिहालों की सुरक्षा का इंतजाम नहीं है। वहीं कुछ स्कूलों में अग्निशमन यंत्र खरीदे तो गए लेकिन, इसकी रीफिलिग व सुरक्षा मानकों की जांच न कराकर इसे शोपीस की तरह रख दिया गया। कई पिद्यालयो प्रधानाचार्य ने बताया कि वर्ष 2014 में स्कूल में तैनाती हुई है। इसके पहले से अग्निशमन यंत्र नहीं है। इसी तरह कई प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका ने बताया कि प्रधानाध्यापिका के सेवानिवृत्त होने पर स्कूल का प्रभार मिला है। स्कूल में अग्निशमन यंत्र नहीं है। अग्निशमन यंत्र के खरीद के बारे में जानकारी नहीं है। विभागीय अधिकारी कहते है स्कूलों में अग्निशमन यंत्र आवश्यक है। इसके लिए सभी को निर्देश भी दिया गया है। यदि यंत्रों की जांच नहीं की गई है तो, मामला गंभीर है।

