भाइयों के कलाइयों पर गणेश जी देगें दर्शन
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जौनपुर । इस रक्षाबंधन भाइयों की कलाई पर खास तरह की राखियां सजेंगी। इसमें गणेश जी, श्रीकृष्ण, बाहुबली, गिर्राज जी की आकृति वाले डिजाइन शामिल होंगे। वहीं बच्चे भी निराश नहीं होंगे। उनकी कलाई पर भी रॉकेट, छोटा भीम, डोरेमॉन, मोटरसाइकिल जैसे डिजाइन शोभा बढ़ाएंगे। इस तरह की वैरायटी की बाजार में जबरदस्त मांग है। रविवार को रक्षाबंधन है। इसको लेकर बाजार चरम पर पहुंच चुका है। दो दिन में लाखो रुपये की बिक्री हो जाएगी। शहर के सभी प्रमुख बाजारों में ग्राहकों का आवागमन शुरू हो गया है। मिष्ठान, गिफ्टस, रेडीमेड गारमेंट्स व राखियों की दुकानों पर भीड़-भाड़ है। हर बार की तरह राखियों में नई वैरायटी आई हुई है, जो आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। ओलन्दगंज स्थित एक दुकानदार अर्पित अग्रवाल का कहना है कि बड़ों में इस समय गणेश, श्रीकृष्ण, वीरा भाई, गिर्राज जी के डिजाइन वाली राखियां काफी पसंद की जा रही हैं। इनकी कीमत 25 रुपये से शुरू है। जबकि बच्चों में डोरेमॉन, बैनटेन, रॉकेट, स्टार, मोटरसाइकिल, लाइ¨टग, म्यूजिक वाली राखियां काफी चल रहीं हैं। यह 20 रुपये से शुरू हैं। इसके अलावा नग वाली राखियों की भी अच्छी डिमांड है। विक्रेता धीरज अग्रवाल के मुताबिक बाजार इस समय पीक पर है। लगातार ग्राहक निकल रहा है। सुबह जल्द दुकान खोली जा रही हैं। वहीं, देर रात तक बंद की जा रही है। त्योहार से एक दिन पूर्व तक तथा पर्व के दिन भी यही सिलसिला बना रहेगा। ज्ञात हो कि भाई-बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक रक्षाबंधन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस पर्व को लेकर शहर में रंग-बिरंगी राखियों से बाजार सज गए हैं। ये राखियां बाजार में पांच रुपये से लेकर सौ रुपये तक की हैं। बाजार को दुकानों के अंदर से बाहर तक विभिन्न प्रकार की आकर्षित करने वाली राखियों को सजा दिया गया है। सुंदर व विभिन्न डिजाइनों की राखियां बहनों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। दुकानदारों ने अपनी दुकानों को बाहर विभिन्न प्रकार की सुंदर राखियां सजाई हुई हैं। यहां से गुजरने वाली बहनें एवं महिलाएं इन राखियों को खरीदने के लिए यहां रुक रही हैं। नगर के बड़ी संख्या में लोग दूसरे शहरों एवं प्रदेशों में भी नौकरी करते हैं। ऐसे में अपने भाई को राखी बांधने के लिए महिलाएं व युवतियां दुकानों से विभिन्न प्रकार की सुंदर व फैंसी राखियों की खरीदारी कर रही हैं। इन दुकानों से राखी को खरीद कर वह दूर शहरों में रहने वाले भाइयों को भेज रही हैं।